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Jammu Kashmir NC: नेशनल कांफ्रेंस में संगठनात्मक फेरबदल की तैयारी, पार्टी की युवा इकाई भंग

नेशनल कांफ्रेंस में जारी संगठनात्मक बदलाव की कवायद पर हालांकि कोई भी वरिष्ठ नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के करीबी बताते हैं कि जल्द ही नेकां एक नए कलेवर में सामने आ रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 03:11 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 05:05 PM (IST)
Jammu Kashmir NC: नेशनल कांफ्रेंस में संगठनात्मक फेरबदल की तैयारी, पार्टी की युवा इकाई भंग
नेशनल कांफ्रेंस के नए संगठनात्मक ढांचे में पुराने और नए का संगम होगा।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में बदले राजनीतिक परिदृश्य के बीच अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने, संगठन में नयी जान फूंकने के लिए नेशनल कांफ्रेंस में संगठनात्मक फेरबदल की तैयारी चल रही है। इसी कवायद के तहत पार्टी की युवा इकाई को भंग किया गया है। नए संगठनात्मक ढांचे में नयी ऊर्जा और अनुभव का संगम तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं और विभिन्न जिला व ब्लाक स्तरीय प्रमुख कार्यकर्ताओं से पार्टी के प्रति आम लोगों की राय और बदले हालात में लोगों की सियासी उम्मीदों का फीडबैक भी प्राप्त किया जा रहा है।

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नेशनल कांफ्रेंस में जारी संगठनात्मक बदलाव की कवायद पर हालांकि कोई भी वरिष्ठ नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के करीबी बताते हैं कि जल्द ही नेकां एक नए कलेवर में सामने आ रही है। युवा इकाई को बीते सप्ताह इसी कवायद के तहत भंग किया गया है। कई पुराने चेहरों को सिर्फ सलाहकार की भूमिका तक सीमित किया जा रहा है। नए संगठनात्मक ढांचे में पुराने और नए का संगम होगा। युवा चेहरों को प्रमुख जिम्मेदारियां दी जाएंगी। नीतिगत मुद्दों पर बातचीत के लिए पार्टी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, दोनों प्रांतीय प्रधान और महासचिव के अलावा सिर्फ प्रवक्ता ही अधिकृत रहेंगे। अलबत्ता, पार्टी अपने मूल राजनीतिक एजेंडे के साथ कोई समझाैता नहीं करने वाली है। उन्होंने बताया कि संगठनात्मक फेरबदल में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही उनकी जिम्मेदारियां भी स्पष्ट रूप से तय कर दी जाएंगी। 

पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर की सियासत पूरी तरह बदल चुकी है। अगर कुछेक बैठकों को छोड़ दिया जाए तो नेकां की सियासी गतिविधियां लगभग ठप पड़ी हुई हैं। डॉ फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने गत माह प्रदेश की बीते एक साल की सियासत पर विचार विमर्श के लिए वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरु किया था। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न जिला इकाईयों के पदाधिकारियों को भी अलग-अलग चर्चा के लिए बुलाया था। इन्हीं बैठकों के आधार संगठन में फेरबदल की तैयारी की गई है।

नेकां के करीबियों की मानें तो बदले हालात में नेकां के भीतर भी कई नेता अब बागी तेवर अपना रहे हैं। वह कुछ खास नेेताओं की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कह रहे हैं कि ये लोग अब लिए सियासी सहूलियतों का हासिल करने के लिए परोक्ष रुप से पार्टी के मूल एजेंडे पर भी समझौते के मूड़ में हैं। ये लोग ऐसे सियासी संगठनों व नेताओं के साथ परोक्ष रुपसे संपर्क में हैं, जिन्हें नेकां कश्मीर का सबसे बड़ा दुश्मन मानती है। वह इसके लिए श्रीनगर नगर निगम में बीते छह माह के दाैरान हुए विभिन्न राजनीतिक घटनाक्रमों का हवाला भी देते हैं। इसलिए अब पार्टी नेतृत्व ने संगठन में किसी भी तरह की बगावत से निपटने और अपनी सियासी गतिविधियों को गति देने संगठनात्मक ढांचे की ओवरहालिंग का फैसला किया है।

नेकां के करीबियों ने बताया कि सभी ब्लाक, तहसील, जिला इकाईयाें के प्रमुखों व अन्य नेताओं से प्रदेेश के राजनीतिक परिदृश्य और लाेगों की राजनीतिक उम्मीदों के बारे में पूछा जा रहा है। इसके अलाव विभिन्न कार्यकर्ताओं से वरिष्ठ नेताओं की कार्यप्रणाली व जनता के साथ उनके संवाद-समन्वय पर भी फीडबैक लिया जा रहा है। इसके अलावा गुपकार घोषणा को लेकर आम कश्मीरी किसी तरह आगे बढ़ना चाहता है, यह भी पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी से आवश्यक फीडबैक प्राप्त करने के बाद नेकां नए पदाधिकारियों की घोषणा करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नुक्कड़ बैठकें शुरु करेगी।


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