Jammu Kashmir Lockdown Effect: लॉकडाउन से बढ़े मनोरोग के मामले, योग से रहें स्वस्थ
डा. मकबूल का कहना हक् कि इंस्टीटयूट आफ मेंटल हेल्थ ने मेडिकल कालेज सीडी अस्पताल और मनोरोग अस्पताल के कुछ डाक्टरों के साथ रिसर्च की है। कुल 119 लोगों पर शोध हुआ। इसमें से 44 फीसद मरीज चिंता से गुजर रहे थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से कश्मीर में मानसिक रोगों के मामले भी बढ़े हें। लोगों ने अपने आप को घरों में कोविड के डर के कारण चारदीवारी में बंद किया हुआ है। मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे लोगों में मानसिक रोग बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
मनारोग अस्पताल श्रीनगर के एचओडी डा. मोहम्मद मकबूल डार का कहना है कि लगातार घर में बैठने और कोरोना के भय के कारण मानसिक रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। लाकडाउन लगने से घाटी में मानसिक रोग बढ़ रहे हें। पांच तरह की समस्या होती है। इनमें अवसाद, चिंता, अपने आप को समाज से अलग रहना तथा भय प्रमुख हैं। अवसाद में रहने वाले मरीजों का मूड हमेशा खराब रहता है।
उन्हें नींद नहीं आती। किसी चीज पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। कई बार उनके मन में आत्महत्या करने तक का विचार आता है। अगर भय हो तो चिंता में रहता है। उसे सीने में दर्द, सिरदर्द होना शुरू हो जाती है। कई बार ऐसे लगता है कि हृदयघात होने वाला है।
डा. मकबूल का कहना हक् कि इंस्टीटयूट आफ मेंटल हेल्थ ने मेडिकल कालेज, सीडी अस्पताल और मनोरोग अस्पताल के कुछ डाक्टरों के साथ रिसर्च की है। कुल 119 लोगों पर शोध हुआ। इसमें से 44 फीसद मरीज चिंता से गुजर रहे थे। 61 फीसद को अवसाद था। 98 फीसद को कोई न कोई मानसिक रोग था। उन्होंने लोगों से इस समय अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने को कहा। उन्होंने लोगों को अपने आप को व्यस्त रखने को कहा। योग करने को कहा।