Jammu Kashmir: KAS परीक्षा की अधिसूचना जारी होने पर खफा हैं जम्मू-कश्मीर के युवा, राजनीतिक दल भी कूदे
Jammu Kashmir सोशल मीडिया पर इस अधिसूचना के खिलाफ युवाओं और राजनीतिक दलों में बढ़ता गुस्सा साफ देखा जा सकता है। युवाओं का कहना है कि जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा की परीक्षाएं नियमित तौर पर हर साल नहीं होती है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: कई महीनों से जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हजारों युवाओं को करारा झटका लगा है। लोक सेवा आयोग ने एक झटके में ही परीक्षा देने की उम्र 40 वर्ष से घटाकर 32 वर्ष कर दी है। इससे कई वर्षों से प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी में जुटे हजारों युवा परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे। राजनीतिक दल भी युवाओं के इस मुद्दे को लेकर मैदान में कूद गए हैं। उन्होंने भी उम्र कम करने के लिए जारी एसआरओ को वापस लेने की मांग जोरशोर से उठाना शुरू कर दी है।
अभी तक जम्मू-कश्मीर में अन्य सेवाओं की तरह प्रशासनिक सेवाओं में भी आवेदन दाखिल करने के लिए अधिकतम 40 साल की उम्र ही थी लेकिन अब सरकार के नए एसआरओ 103 में कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं के लिए आवेदन दाखिल करने की अधिकतम आयु सीमा 32 साल कर दी गई है। यही नहीं अब उम्मीदवार अधिकतम छह बार ही परीक्षा दे सकते हैं जबकि इससे पहले ऐसी कोई भी सीमा निर्धारित नहीं थी।
आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने से पहले जम्मू-कश्मीर में होने वाले कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं के लिए उम्मीदवार 21 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक की आयु सीमा तक परीक्षा दे सकता था। लेकिन केंद्र का दर्जा मिलने के बाद सरकार ने इन परीक्षाओं को सिविल सर्विस परीक्षा की तर्ज करवाने का आदेश जारी करते हुए ओपन मेरिट के लिए अधिकतम आयु सीमा 32 साल निर्धारित की गई है। एससी, एसटी, सामाजिक जातियां, एएलसी के लिए आयु सीमा 34 साल रखी गई है। दिव्यांगों के लिए आयु सीमा 35 साल निर्धारित की गई है। जम्मू-कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन की तरफ से हाल ही में जम्मू-कश्मीर कम्बाइंड कंपीटिटिव परीक्षा 2021 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए पद भरने को लेकर अधिसूचना जारी की थी। कुछ दिन बाद परीक्षा में आवेदन करने के लिए अधिसूचना भी जारी हो जाएगी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के लिए 257 पद निकाले गए है। अधिसूचना के मुताबिक इस बार जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा की परीक्षाएं सिविल सर्विस परीक्षा की तर्ज करवाई जाएंगी। हालांकि जम्मू कश्मीर में पिछले बैच की परीक्षाएं भी सिविल सर्विस परीक्षा की तर्ज पर करवाई गई थी। परंतु अधिसूचना जारी होने के बाद उम्मीदवार की आयु सीमा और परीक्षाएं अधिकतम छह बार देने का प्रावधान शामिल हो गया है।
सोशल मीडिया पर इस अधिसूचना के खिलाफ युवाओं और राजनीतिक दलों में बढ़ता गुस्सा साफ देखा जा सकता है। युवाओं का कहना है कि जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा की परीक्षाएं नियमित तौर पर हर साल नहीं होती है। ऐसे में आयु सीमा निर्धारित कर देना हजारों युवकों के साथ धोखा होगा। जम्मू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आकाश शर्मा का कहना है कि जम्मू कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन हर साल समय पर परीक्षाएं करवाने में नाकाम रहता है। आयु सीमा को चालीस साल रखा जाना चाहिए। इससे जम्मू कश्मीर के अधिक युवाओं को परीक्षा देने का मौका मिलेगा। जम्मू कश्मीर में पहले से ही बेरोजगारी बहुत अधिक है।
मुकेश मन्हास का कहना है कि जम्मू कश्मीर की नौकरियों में आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु सीमा चालीस साल रखी गई तो फिर प्रशासनिक सेवा के लिए आयु सीमा को कम क्यों रखा गया है। इस मुद्दे पर उपराज्यपाल को गौर करना चाहिए। साइंस कालेज की छात्रा आर्या महाजन का कहना है कि प्रशासनिक सेवा के जम्मू कश्मीर के युवाओं को अधिक से अधिक मौका मिलना चाहिए। यह तो ठीक है कि परीक्षा को सिविल सर्विस की तर्ज पर किया गया है मगर आयु सीमा चालीस साल ही रहनी चाहिए।