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Jammu Kashmir Border: बाढ़ से क्षतिग्रस्त 200 मीटर फैंसिंग क्षतिग्रस्त, आईबी पर ड्रोन से रखी जा रही पैनी नजर

बसंतर नदी के किनारे बने बांध के टूट जाने के कारण क्षतिग्रस्त हुई फैंसिंग को ठीक करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की मुहिम जारी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 11:59 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 12:01 PM (IST)
Jammu Kashmir Border: बाढ़ से क्षतिग्रस्त 200 मीटर फैंसिंग क्षतिग्रस्त, आईबी पर ड्रोन से रखी जा रही पैनी नजर
Jammu Kashmir Border: बाढ़ से क्षतिग्रस्त 200 मीटर फैंसिंग क्षतिग्रस्त, आईबी पर ड्रोन से रखी जा रही पैनी नजर

जम्मू, राज्य ब्यृूरो। जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय सीमा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में घुसपैठ के मंसूबे बना रहे दुश्मन पर ड्रोन से पैनी नजर रखी जा रही है। उधर दुश्मन स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने के मंसूबे बना रहा है। इधर सीमा प्रहरी उसे मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं।

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सूत्रों के अनुसार जम्मू के सांबा सेक्टर के मल्लू चक्क इलाके में बसंतर नदी में बाढ़ के कारण करीब 200 मीटर फैंसिंग क्षतिग्रस्त हुई है। बाढ़ से कुछ सीमांत चौकियाें में जलभराव हुआ था। ऐसे हालात में सीमा की कड़ी निगरानी करने के लिए इस समय ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। खराब मौसम की आड़ में सीमा पार से अकसर आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की कोशिशें की जाती हैं। ऐसा में सर्तकता के साथ आधुनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर इस समय नदी के किनारे बने बांध के टूट जाने के कारण क्षतिग्रस्त हुई फैंसिंग को ठीक करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की मुहिम जारी है। ऐसे इलाकों में अतिरिक्त कंटीली तारें बिछाई गई हैं। वीरवार को सीमा सुरक्षा बल जम्मू फ्रंटियर आईजी एनएस जम्वाल ने सांबा सेक्टर का दौरा कर बाढ़ से उपजे हालात व सीमा पर सुरक्षा ग्रिड को पुख्ता बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल द्वारा उठाए जा रहे कदमों का जायजा लिया था।

सीमा सुरक्षा बल केे एक अधिकारी ने जागरण को बताया कि अकसर बाढ़ के दिनों में नदी, नालों से सटे सीमा के इलाकों में पानी आस जाता है। इससे पैदा होने वाली सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की पूरी तैयारी रहती है। खराब मौसम में सर्तकता के स्तर काे और बढ़ाने के साथ बाढ़् से होने वाले नुकसान की जल्द से जल्द भरपाई की जाती है। इस समय भी ऐसे ही किया जा रहा है। सीमा के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत बनाकर दुश्मन की किसी भी प्रकार की साजिश से निपटने की तैयारी है। 


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