Jammu Kashmir: इंस्पेक्टर कुलदीप हांडू ने प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार पाकर कीर्तिमान रचा
भगवान ऐसी औलाद हरेक को दे। आज उनको सभी उनके बेटे कुलदीप हांडू के नाम से जानते हैं जो एक पिता के लिए बड़े गर्व की बात है।
जम्मू, विकास अबरोल: इंस्पेक्टर हांडू प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार पाने वाले प्रदेश के पहले कोच बन गए हैं। इससे पहले आज तक कोई भी इस कारनामे को अंजाम नहीं दे पाया है। राष्ष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर शनिवार को ऑनलाइन समारेाह में प्रदेश के कुलदीप हांडू ने चंडीगढ़ में यह सम्मान पाया। कोरोना महामारी की वजह से यह समारोह पहली बार ऑनलाइन हुआ। इसमें देश के सबसे बड़े हॉकी खिलाड़ी एवं हॉकी जादूगर के नाम से विख्यात मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस को हर वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
युवा, कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सकार द्वारा राष्ट्रीय खेल और साहस पुरस्कार 2020 के ऑनलाइन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पुरस्कार पाकर भारतीय वुशु टीम के चीफ कोच एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत कुलदीप हांडू भाव विभोर हो गए। देश को प्रवीण, पूनम और विक्रांत जैसे अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय वुशु खिलाड़ी देने वाले हांडू ने प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार को अपनी माता फूला हांडू, पिता जवाहर लाल हांडू और देशवासियों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में आज वह जिस मुकाम पर हैं उसमें उनके माता-पिता का काफी अहम योगदान रहा है। पढ़ाई में मेधावी छात्र होने के बावजूद मेरे माता-पिता ने मुझे खेलों के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है और आज इसका परिणाम सभी देशवासियों के समक्ष है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर से विस्थापन का दर्द उनके मां-बाप आज तक नहीं भूले हैं। जिस समय कश्मीर से विस्थापन हुआ उस समय वह काफी छोटे थे लेकिन इसका दर्द वह भी स्वयं महसूस करते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस में खेल कोटे के आधार पर एसआरओ-349 के अंतर्गत सब इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी पाने के उपरांत आज देश का प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार पाने के उपरांत उनका पूरा परिवार काफी खुश है। उन्होंने अपने इस सम्मान के लिए पत्नी भवनीत हांडू का भी विशेष रूप से आभार जताया जो हमेशा उनके देश-विदेश के दौरे के दौरान उनके माता-पिता और बेटे भवकुल का विशेष ध्यान रखती हैं।
घर में खुशियों का माहौल: कुलदीप हांडू को जैसे ही देश का प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य सम्मान मिला तो उनके घर में खुशियों का माहौल बन गया। उनके नाते-रिश्तेदारों का घर पर मुबारकबाद देने के लिए आने का सिलसिला जारी हो गया। मां फूला हांडू ने कहा कि आज का दिन उन्हें पूरी उम्र याद रहेगा। उनके बेटे ने काफी मेहनत की है और आज उसने पूरे जम्मू-कश्मीर के लोगों को गौरवांवित किया है। पिता जवाहर लाल हांडू भी बेटे की कीर्तिमान रचने पर काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि भगवान ऐसी औलाद हरेक को दे। आज उनको सभी उनके बेटे कुलदीप हांडू के नाम से जानते हैं जो एक पिता के लिए बड़े गर्व की बात है।
दोगुने जोश से भारत की वुशु टीम में निखार लाएंगे: प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार पाने के उपरांत कुलदीप हांडू ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अब वह दोगुने जोश के साथ भारत की वुशु टीम के खेल में निखार लाने के लिए दिन दूनी रात चौगुनी मेहनत करेंगे।