Move to Jagran APP

Jammu : पत्रकार पर लगी एफआईआर खारिज, राहत आयुक्त के सीज खातें भी खुले

यह खबर फर्जी थी और पत्रकार ने इसकी जानकारी मिलने पर दोपहर करीब ढाई बजे अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सुशील पंडित के ट्वीट को रि-ट्वीट किया जिससे खबर इंटरनेट मीडिया पर काफी फैल गई।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 01:56 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 01:56 PM (IST)
Jammu : पत्रकार पर लगी एफआईआर खारिज, राहत आयुक्त के सीज खातें भी खुले
हाईकोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए पत्रकार पर लगी एफआईआर खारिज कर दी।

जम्मू, जेएनएफ : पंपोर में सीआरपीएफ पर आतंकवादी हमले व इस हमले में पांच जवानों की मौत को लेकर ट्वीट करने वाले पत्रकार सुशील पंडित पर लगी एफआईआर को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। केस के मुताबिक 21 मई 2018 को इस पत्रकार की ओर से सुबह दस बजे के करीब एक ट्वीट किया गया कि पंपोर में सीआरपीएफ पर आतंकवादी हमला हुआ है जिसमें पांच जवान शहीद हो गए है।

loksabha election banner

यह खबर फर्जी थी और पत्रकार ने इसकी जानकारी मिलने पर दोपहर करीब ढाई बजे अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सुशील पंडित के ट्वीट को रि-ट्वीट किया जिससे खबर इंटरनेट मीडिया पर काफी फैल गई।

पत्रकार सुशील पंडित पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई लेकिन यायी की ओर से पेश हुए एडवोकेश अंकुर शर्मा ने दलील दी कि याची को एक सूचना मिली थी जिसके आधार पर उन्होंने ट्वीट किया लेकिन जब उन्हें इस सूचना के फर्जी होने की सूचना मिली तो उन्होंने ट्वीट को हटा दिया।

इस पूरे मामले में अगर किसी ने ट्वीट को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया तो वह पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला थे। याची ने एक सूचना दी थी जिसके गलत पाए जाने पर हटा लिया गया। ऐसे में याची पर लगी एफआईआर पूरी तरह से गलत व गैर-कानूनी है। हाईकोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए पत्रकार पर लगी एफआईआर खारिज कर दी।

राहत आयुक्त के सीज खातें खुले : कमर्शियल कोर्ट जम्मू ने राहत आयुक्त के बैंक खातों को सीज करने संबंधी पूर्व आदेश में संशोधन करके उन्हें खोलने का निर्देश दिया है। पुनर्वास एवं राहत विभाग के आयुक्त के अधिकारिक बैंक खातों को सीज किए जाने से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के मुआवजों के कई मामलों में भुगतान रूक गया था, जिसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने पूर्व आदेश में संशोधन कर आवेदनकर्ताओं को भुगतान करने की अनुमति प्रदान की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.