Fake Currency Case: जाली करंसी मामले में चार आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
कब्जे से न केवल जाली करंसी बरामद हुई बल्कि जाली करंसी बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान भी बरामद हुआ। जांच में पता चला कि ये चारों आरोपित जाली करंसी तैयार करते थे और इसे बाजार में चलाते थे ताकि किसी को इन पर शक न हो।
जम्मू, जेएनएफ: चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने जाली करंसी मामले में पकड़े गए चार आरोपितों, राजेश गंजू, विपिन पंडिता, रोहित शर्मा व सचिन कुमार की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस गौरखधंधे में अभी कई परतें खुलने की उम्मीद है और अगर आरोपित जमानत पर रिहा होते है तो इससे केस की जांच प्रभावित होने की संभावना है। लिहाजा मौजूदा समय में आरोपितों को जमानत नहीं दी जा सकती।
केस के मुताबिक यह शिकायत मिली थी कि आरोपित सचिन कुमार व रोहित शर्मा ने एक दुकान से सिगरेट खरीदे और 500 रुपये का जाली नोट दिया। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपितों को दबोचा और उनकी निशानदेही पर आरोपित राजेश गंजू और विपिन पंडिता को भी गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से न केवल जाली करंसी बरामद हुई, बल्कि जाली करंसी बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान भी बरामद हुआ। जांच में पता चला कि ये चारों आरोपित जाली करंसी तैयार करते थे और इसे बाजार में चलाते थे ताकि किसी को इन पर शक न हो।
प्रारंभिक जांच में यह साबित हुआ कि आरोपित कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर ये धंधा चला रहे थे। ऐसे में कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे संगीन मामले में उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है क्योंकि यह गौरखधंधा देश की अर्थ व्यवस्था का नुकसान पहुंचाता है, लिहाजा इसे हल्के से नहीं लिया जा सकता। केस के तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद कोर्ट ने चारों आरोपितों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।