जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने दिए श्रीनगर मास्टर प्लान 2015-35 लागू करने के लिए कदम उठाने के निर्देश
वहीं एक अन्य मामले में श्रीनगर के मोहल्ला घाट शालीमार के लोगों की ओर से क्षेत्रीय लोगों के पुनर्वास की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं को कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर से संपर्क करने को कहा है।
जम्मू, जेएनएफ: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने श्रीनगर डेवलपमेंट अथारिटी के वाइस चेयरमैन को मास्टर प्लान 2015-35 को लागू करने की दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए है। बेंच ने एडवोकेट बिलाल अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए।
याची ने मास्टर प्लान के तहत पंथाचौक से नौगाम, हैदरपोरा व बेमीना से होते हुए परिमपोरा तक बाईपास बनाने की मांग की है। मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि शहर का मास्टर प्लान लागू करने के लिए ही बनाया जाता है। ऐसे में कोर्ट यह स्वयं मानकर नहीं चल सकता कि मास्टर प्लान लागू हो रहा है या नहीं। बेंच ने पाया कि याची ने अपनी इस मांग को लेकर 23 जुलाई 2021 को श्रीनगर डेवलपमेंट अथारिटी के वाइस चेयरमैन को पत्र भी सौंपा है।
लिहाजा बेंच ने याचिका का निपटारा करते हुए श्रीनगर डेवलपमेंट अथारिटी के वाइस चेयरमैन को याची द्वारा उठाए गए मुद्दे पर कानून के तहत त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
पुनर्वास के लिए डिवकाम से संपर्क करने के निर्देश : श्रीनगर के मोहल्ला घाट शालीमार के लोगों की ओर से क्षेत्रीय लोगों के पुनर्वास की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं को कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर से संपर्क करने को कहा है। मोहल्ला कमेटी की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया कि या तो प्रशासन उनकी जमीन का अधिग्रहण करके उनका पुनर्वास करें या फिर क्षेत्र में निर्माण पर लगी रोक को हटाए।
बेंच ने पाया कि उक्त जमीन के अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना तो जारी हुई थी लेकिन अधिग्रहण हुआ नहीं। ऐसे में पुनर्वास की मांग नहीं की जा सकती। जहां तक क्षेत्र में निर्माण व मरम्मत कार्याें पर रोक का सवाल है, तो यह क्षेत्र डल झील के 200 मीटर दायरे में आता है और इसके लिए लोगों को कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर से संपर्क करना चाहिए। बेंच ने कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर को भी निर्देश दिए कि ऐसी कोई मांग आने पर कानून के तहत उस पर गौर करके निपटारा किया जाए।