Jammu Kashmir Coronavirus: खतरा बरकरार, सुरक्षा से ही होंगे पार; कोरोना को हराने के लिए नियमों का करना होगा पालन
इस समय हर कार्यालय में काम हो रहा है तो कुछ लोग घरों से ही काम कर रहे हैं। अब काम करते समय यह जरूरी है कि आप खुद को बचाएं और दूसरों को भी बचाने का काम करें।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। संक्रमितों का आंकड़ा 44 हजार के पार हो गया है। सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई सप्ताह तक लाकडाउन किया। फिर चरणबद्ध् तरीके से अनलॉक किया ताकि लोगों का रोजी-रोजगार चलता रहे। लेकिन यह देखने में आ रहा है कि कई लोग अब पहले की तरह कोरोना को लेकर सतर्क नहीं है। सरकार के दिशा निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं।
शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। लेकिन डाक्टरों का कहना है कि अगर कोरोना को हराना है तो नियमों को मानना पड़ेगा और केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। राजकीय मेडिकल कालेज में फार्माकालोजी विभाग में प्रोफेसर डा. विशाल टंडन का कहना है कि कोरोना से बचाव का तरीका एक ही हे। एक दूसरे से शारीरिक दूरी को बनाए रखें और समय-समय पर हाथों को साबून या फिर सैनिटाइजर से साफ करें। यही नहीं घर से निकलते समय मास्क जरूर पहनें। उन्होंने कहा कि हाल ही में देखा गया है कि कई लोग नियमों को नहीं मान रहे हैं। बिना मास्क के घूम रहे हैं। इस समय हर कार्यालय में काम हो रहा है तो कुछ लोग घरों से ही काम कर रहे हैं। अब काम करते समय यह जरूरी है कि आप खुद को बचाएं और दूसरों को भी बचाने का काम करें। इसीलिए यह जरूरी है कि घर से निकलते ही मास्क जरूर पहनें। अपने कार्यालय में सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
भीड़ इकट्ठी न करें। अगर आपके कार्यालय में लोग अधिक आते हैं तो भी एक-एक करके ही उनसे मिलें। बीमार परिजनों को रखें सुरक्षितडा. विशाल का कहना है कि अगर घर में कोई बीमार है तो उसकी सुरक्षा का भी जिम्मा आपके पास ही है। उनसे मिलने से पहले अपने आप को सैनिटाइज करें। अपने हाथों को साफ करें। उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजें डाक्टर की सलाह पर ही दें। बुजुगों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें। अभी तक यह देखा गया है कि बुजुगों को अगर कोई बीमारी है तो उन्हें संक्रमण जल्दी हो रहा है। उनकी देखभाल करें और बिना किसी कारण उन्हें घरों से बाहर न आने दें।जरूरी हो तभी अस्पताल जाएंअगर जरूरी हो तभी अस्पताल में डाक्टर के पास जाएं।
अगर बीमारी गंभीर नहीं है तो डाक्टर से फोन पर भी सलाह ले सकते हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि अस्पताल में आना जरूरी है तो भी वहां पर प्रोटोकाल का पालन करें। मरीज के साथ एक से ज्यादा तीमारदार न रखें। इससे कोरोना संक्रमण की आशंका रहती है। अभी भी देखा गया है कि एक मरीज के साथ कई तीमारदार अस्पताल में आते हैं जिससे मरीज और डाक्टर दोनों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इसीलिए अस्पतालों में भीड़ पैदा न करें।