Terror Funding: परा के कार्यकाल में खेल परिषद में नियुक्तियों की जांच शुरू, कुछ खेल पदाधिकारियों की पृष्ठभूमि भी खंगाली जा रही
पूछताछ में परा ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि उसने कई पत्थरबाजों को मुख्यधारा में शामिल करने के इरादे से नौकरी दिलाई है। जून 2018 में खेल परिषद के सचिव पद से इस्तीफा देने वाले परा का पुलवामा में सक्रिय पत्थरबाजों के साथ तालमेल रहा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पीडीडी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा के कार्यकाल में खेल परिषद में विभिन्न नियुक्तियों की जांच एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। एजेंसियों ने 2016 के हिंसक प्रदर्शनों के बाद कश्मीर में खेल प्रतियोगिताओं पर खर्च राशि और कुछ खेल संगठनों के पदाधिकारियों की पृष्ठभूमि खंगालना शुरू कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबियों में गिने जाने वाले परा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बीते साल हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद मुश्ताक व निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह से मिले सुरागों पर गिरफ्तार किया था। परा के खिलाफ बीते माह ही अदालत में आरोपपत्र दायर किया है। सूत्रों ने बताया कि परा को 13 जुलाई 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा की सहमति के बाद खेल परिषद का सचिव बनाया था। उस समय कश्मीर में आतंकी बुरहान की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शन चल रहे थे।
परा को जम्मू कश्मीर में युवाओं को पत्थरबाजी से दूर रखने के लिए आवश्यककदम उठाने की पूरी छूट थी। विभिन्न खेलों में खिलाडिय़ों के लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति के आधार पर 300 लोगों को कोच के रूप में नियुक्त किया। इनमें से अधिकांश दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और बिजबिहाड़ा से संबंध रखते हैं। यही इलाके आतंकी हिंसा का केंद्र माने जाते हैं। उन्होंने बतायाकि परा के माध्यम से खेल परिषद में नौकरी हासिल करने वाले कई लोग संदिग्ध पृष्ठभूमि के हैं।
पहले पत्थरबाजी व राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में भी पकड़े जा चुके हैं। नियमों के मुताबिक,ऐसे लोगों को सीआइडी वेरिफिकेशन व सुरक्षा एजेंसियों की अनुमति के आधार पर ही सरकारी सेवा में लिया जाता है। पूछताछ में परा ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि उसने कई पत्थरबाजों को मुख्यधारा में शामिल करने के इरादे से नौकरी दिलाई है। जून 2018 में खेल परिषद के सचिव पद से इस्तीफा देने वाले परा का पुलवामा में सक्रिय पत्थरबाजों के साथ तालमेल रहा है।
उसने कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंतोश को 2016 के दौरान ही पांच करोड़ का भुगतान तथाकथित तौर पर खेल परिषद की निधि से ही किया था। उसने कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और युवाओं को पत्थरबाजी से मोडऩे के लिए वादी के हर शहर-गांव में खेल प्रतियोगतिाओं का आयोजन कराया। कई प्रतियोगिताएं ऐसे क्लबों और संगठनों ने कराई जो पहले कभी देखे सुने नहीं गए थे।
कई आयोजक ऐसे थे जो इंटरनेट मीडिया पर अलगाववादी खेमे के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाली बातों का प्रचार करते थे। सूत्रों ने बताया कि परा के समय विभिन्न संगठनों को आवंटित राशि व उनके वित्तीय लेन-देन को भी खंगाला जा रहा है।