Jammu Kashmir: वित्त वर्ष के पहले दिन जम्मू कश्मीर के बजट का 50 फीसद जारी
बजट का 50 फीसद जारी करने का फैसला करते हुए उपराज्यपाल ने कड़ी शर्त रखी है कि विभागों को विकास के लिए मई के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। यह प्रक्रिया जल्द पूरा होने से विकास प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में विकास को तेजी देने के लिए इतिहास रचते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को वित्त वर्ष के पहले ही दिन प्रदेश के बजट का 50 फीसद जारी कर दिया।
जम्मू कश्मीर के लिए संसद द्वारा मंजूर किए गए अब तक के सबसे बड़े 1,08,621 करोड़ रुपये के बजट में से 68,804 करोड़ रुपये राजस्व व 39,817 करोड़ पूंजी खर्च के हैं। वित्त वर्ष 2021-2022 के पहले ही दिन बजट का 50 फीसद जारी होने से बिना किसी विलंब के विकास कार्यों को तेजी देना संभव होगा। जारी बजट के इस्तेमाल पर भी सरकार की पैनी नजर रहेगी।
जानकारी के अनुसार, मई में ब्लाक विकास व जिला विकास की योजनाएं बन जाएंगी। प्रदेश में यह पहली बार होगा जब प्लान बनाते समय पंचायतों को विश्वास में लिया जाएगा। वहीं जमीन पर होने वाले विकास की थर्ड पार्टी से निगरानी करवाने की भी व्यवस्था होगी।
मई के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया पूरा करनी होगी : बजट का 50 फीसद जारी करने का फैसला करते हुए उपराज्यपाल ने कड़ी शर्त रखी है कि विभागों को विकास के लिए मई के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। यह प्रक्रिया जल्द पूरा होने से विकास प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए अधिक समय मिलेगा। विभागों को फंड बजट एस्टीमेशन एंड मानिटङ्क्षरग सिस्टम (बीम्स) के जरिए आनलाइन मोड़ में ट्रांसफर किया जाएगा। विभागों को बजट के इस्तेमाल को लेकर हर महीने अपनी रिपोर्ट भी देनी होगी।
बजट के इस्तेमाल में कई बंदिशें भी होंगी : बजट का इस्तेमाल सामान्य गति में हो, इसके लिए कई बंदिशें भी होंगी। वित्त वर्ष के अंतिम तिमाही में बजट के 30 फीसद से अधिक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वहीं, वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च में बजट का सिर्फ 15 फीसद खर्च किया जा सकता है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वित्त वर्ष के अंत में फंड को जल्दबाजी में इस्तेमाल न किया जाए।
जियो टैगिंग से निमार्ण पर रखी जाएगी नजर : जारी वित्त वर्ष में विकास कार्यों में वित्तीय अनुशासन का पालन भी करना होगा। विकास की प्रक्रिया के दौरान प्रशासनिक मंजूरी, तकनीकी मंजूरी, इ-टेंडङ्क्षरग के साथ विकास के प्रोजेक्टों की जियो टैगिंग करना अनिवार्य होगा। आरंभ से अंत तक जियो टैगिंग से निमार्ण पर नजर रखी जाएगी। फंड का ट्रांसफर डायरेक्ट टू बैंक ट्रांसफर मोड़ से होगा।