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जम्मू-कश्मीर में परियाेजनाओं की निगरानी के लिए डीएसईओ स्टाफ में होगी बढ़ोतरी

प्रत्येक जिले के डीएसईओ को हर माह पांच तारीख तक वह किसी भी परियोजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्य के तहत अर्जित उपलब्धियों व कर्मियों का उल्लेख करते हुए अपनी रिपोर्ट देंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 05:35 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में परियाेजनाओं की निगरानी के लिए डीएसईओ स्टाफ में होगी बढ़ोतरी
जम्मू-कश्मीर में परियाेजनाओं की निगरानी के लिए डीएसईओ स्टाफ में होगी बढ़ोतरी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा और सत्यापन के लिए प्रशासन ने सभी जिला स्टेटिस्टिक्ल एंड इवेल्यूएशन कार्यालयों (डीएसईओ) में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की जाएगी। डीएसईओ में उपलब्ध कराए जा रहे अतिरिक्त मानव श्रम में स्टेटिस्टिकल एंड इवेल्युएशन कैडर के विभिन्न अधिकारी शामिल हैं। इन्हें जम्मू और कश्मीर प्रांत में अपने अधीनस्थ जिलों में जारी व कार्यान्वित सभी योजनाओं के सत्यापन और आंकलन का जिम्मा सौंपा गया है।

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इस संदर्भ में केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य प्रशासन ने एक आदेश जारी करते हुए जिलाें में पहले से ही उपलब्ध स्टेटिस्टिकल अधिकारियों के अलावा अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध कराने काे कहा है ताकि सभी परियोजनाओं की निगरानी व सत्यापन को सुनिश्चित बनाया जा सके। इस आदेश के मुताबिक, प्रत्येक दल में एक स्टेटिस्टिकल अधिकारी, स्टेटिस्टिकल असिस्टेंट और जूनियर स्टेटिस्टिकल असिस्टेंट शामिल रहेंगे।

सभी डीएसईओ को निर्देश दिया गया है कि वह उपलब्ध कराए जा रहे अतिरिक्त स्टाफ की मदद से अपने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की शत-प्रतिशत समीक्षा, निगरानी, सत्यापन के लिए एक कार्ययोजना तैयार करें। प्रत्येक जिले के डीएसईओ को हर माह पांच तारीख तक वह किसी भी परियोजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्य के तहत अर्जित उपलब्धियों व कर्मियों का विस्तार से उल्लेख करते हुए अपनी रिपोर्ट वित्त विभाग को देंगे।

वित्त विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि डीएसईओ में अतिरिक्त मानवश्रम उपलब्ध कराने का फैसला पूर्व में सरकार द्वारा वित्त और स्टेटिस्टिकल विभागों को पुनर्गठित करने व उनमें जिम्मेदारियों के आवंटन संबधी फैसले के आधार पर ही लिया गया है। मौजूदा कदम जमीनी स्तर पर परियोजनाओं की निगरानी, सरकारी व्यय की प्रक्रिया को पूरी तरह जवाबदेय और पारदर्शी बनाए जाने के लिए ही उठाया है। 


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