जम्मू-कश्मीर में रोजगार के अवसर पैदा करें विभागीय प्रशासनिक सचिव, तीन लाख नए उद्यमियों को ऋण दिया जाएगा
चालू वित्त वर्ष में 12 लाख लोगों को कर्ज देने का लक्ष्य है। कृषि उत्पादन और पशुपालन विभाग के प्रशासनिक सचिव ने बताया कि उनका विभाग पशु और पालन क्षेत्र में 20000 से 25000 के वार्षिक अतिरिक्त स्वरोजगार का लक्ष्य बना रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर में रोजगार सृजन योजनाओं की समीक्षा की। इसमें जम्मू-कश्मीर बैंक के चेयरमैन ने बताया कि वर्ष के दौरान स्वरोजगार के लिए कृषि उद्यम स्थापित करने के लिए तीन लाख नए उद्यमियों को ऋण दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 12 लाख लोगों को कर्ज देने का लक्ष्य है। कृषि उत्पादन और पशुपालन विभाग के प्रशासनिक सचिव ने बताया कि उनका विभाग पशु और पालन क्षेत्र में 20,000 से 25,000 के वार्षिक अतिरिक्त स्वरोजगार का लक्ष्य बना रहा है।इस पर मुख्य सचिव ने विभाग को चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि और संबधित क्षेत्रों के लिए एक रोजगार योजना तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने इस मिशन को गंभीरता से लेने के लिए कहा।
मिशन यूथ के प्रबंध निदेशक ने मिशन के तहत अब तक 8651 स्वरोजगार के अवसर पैदा होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिशन वित्तीय वर्ष के अंत तक 50000 रोजगार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।मुख्य सचिव ने घोषणा की कि मिशन का लक्ष्य कृषि विभाग के साथ मिलकर अगले महीने 10000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
बैठक में बताया गया कि एनआरएलएम के तहत 70000 महिलाओं को स्थायी आजीविका के लिए स्वश्यं सहायता समूहों के दायरे में लाया गया है।प्रबंध निदेशक एनआरएलएम ने कहा कि कार्यक्रम के तहत निर्धारित 25000 लोगों के लिए रोजगार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष के अंत तक हासिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री रोजगार उन्मूलन कार्यक्रम क तहत डेढ़ लाख को रोजगार देने के लक्ष्य की अपेक्षा अभी तक 63,829 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है।
चालू वित्त वर्ष केे अंत तक लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों से रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लोगों तक लाभ पहुंचाना चाहिए।