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Jammu Kashmir: आस्ट्रेलिया से मेरिनो भेड़ खरीदने को सरकार ने बनाई कमेटी

आस्ट्रेलिया की मेरिनो भेड़ भारतीय भेड़ों के मुकाबले तीन गुना अधिक ऊन देती है। जम्मू-कश्मीर में साल में जहां 40 माइक्रोन तक ऊन का उत्पादन होता है मेरिनो भेड़ के आ जाने से यह उत्पादन क्षमता तीन गुना अधिक बढ़ जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 10:15 AM (IST)
Jammu Kashmir: आस्ट्रेलिया से मेरिनो भेड़ खरीदने को सरकार ने बनाई कमेटी
भारत के दूसरे राज्यों ने भी मेरिनो भेड़ का आयात किया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर सरकार ने आस्ट्रेलिया से मेरिनो भेड़ खरीदने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन करने को मंजूरी दी है। कानून विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली यह कमेटी रोजविले मेरिनो पार्क स्टड प्राइवेट लिमिटेड से मेरिनो भेड़े खरीदने के विकल्पों पर गौर करेगी।

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यह कमेटी डायरेक्टर जनरल आडिट एंड इंस्पेक्शन के सुझावों को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई करेगी। कमेटी के सदस्यों में डायरेक्टर जनरल कोड्स, पशुपालन विभाग के डायरेक्टर फाइनेंस व जीएडी की विजिलेंस शाखा के विशेष सचिव शामिल हैं।कमेटी के गठन का आदेश सरकार के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की ओर से जारी किया गया।

आपको बता दें कि आस्ट्रेलिया की मेरिनो भेड़ भारतीय भेड़ों के मुकाबले तीन गुना अधिक ऊन देती है। जम्मू-कश्मीर में साल में जहां 40 माइक्रोन तक ऊन का उत्पादन होता है मेरिनो भेड़ के आ जाने से यह उत्पादन क्षमता तीन गुना अधिक बढ़ जाएगी। हमारी भेड़ें जहां साल में दो से ढाई किलो तक ऊन देती है वहीं आस्ट्रेलियन मेरिनो भेड़ से छह किलो से अधिक ऊन मिल जाती है। भारत के दूसरे राज्यों ने भी मेरिनो भेड़ का आयात किया है। उन्हें काफी हद तक लाभ भी मिल रहा है।

नेशनल बैंबू मिशन लागू करने के लिए समितियों का गठन: जम्मू-कश्मीर में नेशनल बैंबू मिशन लागू करने के लिए प्रशासन ने प्रदेश स्तर की कार्यकारी समिति का गठन किया है। इस समिति में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को चेयरमैन नियुक्त किया गया है जबकि वित्त विभाग के प्रशासनिक सचिव, वन विभाग के प्रिंसिपल चीफ कंज्रवेटर, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के प्रशासनिक सचिव, कृषि उत्पादन और कृषि कल्याण विभाग के प्रशासनिक सचिव इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, सांइस और टेक्नालोजी विभाग, वन और पर्यावरण विभाग, जनजातिय मामलों के विभागों के प्रशासनिक अधिकारी इसके सदस्य होंगे।

यही नहीं शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय जम्मू और श्रीनगर के वाइस चांसलर, कृषि मंत्रालय से मनोनीत सदस्य, नाबार्ड के प्रतिनिधि, रजिस्ट्रोर कोआपरेटिव जम्मू-क्श्मीर, स्टेट फारेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट के डायरेक्टर, कृषि निदेशक कश्मीर सदस्य होंगे। कृषि निदेशक जम्मू मेंबर सेक्रेटरी होंगे। वहीं दो विशेषज्ञों को भी इसका सदस्य बनाया गया है।वहीं पयूटी बैंबू मिशन समिति में कृषि निदेशक जम्मू को चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इसमें एडिशनल पीसीसीएफ, बागवानी निदेशक, ग्रामीण विकास विभाग के जम्मू और कश्मीर के निदेशक, स्टेट फारेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट के डायरेक्टर सहित 14 सदस्य बनाए गए हैं। इनका काम विभिन्न जिलों का सर्वे कर वहां पर बांस के उत्पादन की संभावना को देखना होगा।

वहीं सरकार ने डिस्ट्रिक्ट बैंबू डेवलपमेंट एजेंसी का भी गठन किया है। इसमें जिला विकास आयुक्त चेयरमैन होंगे। बागवानी, कृषि विभाग के जिला अधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अधिकारी, जनरल मैनेजर डीआइसी सहित 13 अन्य सदस्य होंगे। इस समिति का काम जरूरत के अनुसार योजना बनाना होगा।


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