Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में खनन की लीज देने को सरकार ने बनाई सिंगल विंडो कमेटियां
प्रदेश में विकास के बड़े प्रोजेक्ट रेत बजरी न मिलने से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में हाल ही में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने प्रदेश में खनन प्रक्रिया की समीक्षा करने के बाद इस दिशा में नीति बनाने के निर्देश दिए थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में रेत बजरी के खनन के खनन पर प्रतिबंध से प्रभावित विकास कार्याें को तेजी देने के लिए सरकार ने जिलों में सिंगल विंडो कमेटियाें का गठन किया है। ये कमेटियां जारी विकास प्रोजेक्टों के लिए लीज पर खनन की अनुमति देंगी।
सरकार ने बुधवार को जिलों में दस सदस्यीय कमेटियां बनाने का फैसला किया। जिला के डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता वाली इन कमेटियों के सदस्यों में अडिशनल डीसी, असिस्टेंट कमिश्नर, वन विभाग के डीएफओ, सिचांई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, जल शक्ति के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, जिला खनन अधिकारी , प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के जिला अधिकारी, फिशरी के असिस्टेंट डायरेक्टर व वाइल्ड लाइफ वार्डन शामिल हैं।
यह कमेटी ऐसे मामलों में कार्रवाई करने यहां पर विकास प्रोजेक्टों के लिए रेत बजरी के खनन के लिए अब एनओसी व क्लीयरेंस नही मिली है। कमेटियां तीस दिन के अंदर निमार्ण सामग्री के लिए क्लीयरेंस देगी। क्लीयरेंस देने की अवधि ज्यादा से ज्यादा 45 दिन हो सकती है। क्लीयरेंस देने के लिए अडिशनल डीसी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सिंगल विंडो कमेटियों के गठन का आदेश सरकार के आयुक्त सचिव मनोज दिवेद्धी की ओर से जारी किया गया।
प्रदेश में विकास के बड़े प्रोजेक्ट रेत, बजरी न मिलने से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में हाल ही में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने प्रदेश में खनन प्रक्रिया की समीक्षा करने के बाद इस दिशा में नीति बनाने के निर्देश दिए थे।
बेहतर तरीके से वन संरक्षण कर दें पर्यटन को बढ़ावा : नितेश्वर
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नितेश्वर कुमार ने कहा है कि खूबूसूरत जंगल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। ऐसे में वन विभाग बेहतर तरीके से वन संरक्षण कर पर्यटन को बढ़ावा दे।बुधवार को जम्मू में बैठक में वन विभाग की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने वनों को बचाने के लिए की जा रही कार्रवाई का भी जायजा लिया। इस दौरान वन विभाग के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर मोहित गेरा ने उन्हें वन विभाग द्वारा आयोजित की जा रही गतिविधियों के साथ आगामी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी।बैठक में प्रमुख सचिव ने जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में वन संरक्षण, जीव संरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए कानूनों का सही इस्तेमाल किया जाए। इस दौरान वन संबंधी अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।