जम्मू : सुशासन के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है सामान्य प्रशासनिक विभाग, पेपरलेस कामकाज को मिला बल
प्रशासनिक सचिवों को जिलों के विकास की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। फास्टट्रैक भर्ती पर भी जोर दिया जा रहा है। 25000 पदों को भरने के लिए पहचान की गई है और विभिन्न विभागों और सेवा के तुरंत भर्ती नियमों को अंतिम रूप दिया गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का सामान्य प्रशासनिक विभाग सुशासन के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। विभाग ने सुशासन के लिए कई कदम उठाए हैं और ई- ऑफिस की सुविधा को लागू कर जिम्मेदार, पारदर्शी सिस्टम अपनाया है। सरकारी विभागों में पेपरलेस कामकाज को बल मिला है।
ई- ऑफिस सिस्टम अधिकारियों को काम करने में सफलता प्रदान कर रहा है और सूचना व सेवाएं लोगों तक पहुंच रही है। ई-आफिस मदद से कामकाज में पारदर्शिता आ रही हैं और फाइलों का निपटारा करने में देरी नहीं हो रही। जनहित के कई मामलों पर फैसले समय पर लिए जा रहे हैं। समान्य प्रशासनिक विभाग ने स्मार्ट परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट रिकॉर्डिंग ऑनलाइन विंडो सिस्टम को लागू किया है जो अधिकारियों की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट को ट्रैक करके लिख रहा है। इस सिस्टम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों के समय पर एपीआर फाइल करना है।
एपीआर जमा कराने में भी देरी नहीं हो रही। विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक विजिलेंस सिस्टम लागू किया है जिससे सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन विजिलेंस मंजूरी दी जा रही है और जब उन्हें जरूरत होती है इसका फायदा ले सकते हैं। कर्मचारियों को ईमेल या एसएमएस के जरिए जानकारी दी जाती है। लोगों की सेवा के लिए सतर्क नागरिक ऐप लांच किया गया है जिसके जरिए कोई भी नागरिक एंटी करप्शन ब्यूरो के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकता है। मोबाइल एप्लीकेशन को विकसित किया गया है ताकि लोग अपनी भ्रष्टाचार या अन्य संबंधित शिकायतें जमा करवा सकते हैं।
सामान्य प्रशासनिक विभाग में प्रॉपर्टी रिटर्न फाइलिंग के लिए सिस्टम जारी किया है और कर्मचारी पोर्टल पर प्रॉपर्टी रिटर्न फाइल कर सकते हैं और यह पोर्टल एंटी करप्शन ब्यूरो को भी मामलों की जांच के लिए सहयोग प्रदान करेगा। विभाग ने कई प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाए हैं ताकि सुशासन को बढ़ावा दिया जाए। डिविजनल कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और एसडीएम को पर्याप्त अधिकार दिए गए हैं और पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम समय पर आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रशासनिक सचिवों को जिलों के विकास की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। फास्टट्रैक भर्ती पर भी जोर दिया जा रहा है। 25000 पदों को भरने के लिए पहचान की गई है और विभिन्न विभागों और सेवा के तुरंत भर्ती नियमों को अंतिम रूप दिया गया है। वहीं 54 नियमों में अंतिम रूप दिया गया है और 98 नियमों में संशोधन किया गया है। विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों को प्रोत्साहन करने के लिए विभागीय पदोन्नति कमेटियों की बैठक हो रही हैं। 500 गजटेड व 120 नान गजटेड अधिकारियों को पदोन्नति दी गई।
जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के एक हजार अधिकारियों को पदोन्नति दी गई। अधिकारियों की लंबित वरिष्ठता सूची भी जारी की गई। विभिन्न विभागों के 2500 अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है। अपनी तरह के पहले प्रयास में जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के साठ अधिकारियों को नेशनल सेंटर फार गुड गर्वनेंस में कार्य क्षमता के लिए भेजा गया। उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से शिकायतों का निस्तारण करने के लिए बनाया गया था और कुल 15886 शिकायतों में से 13587 शिकायतों का निपटारा किया गया है।