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Jammu Kashmir: दाखिला फीस ली तो निजी स्कूलों पर दस गुना जुर्माना, स्कूलों की मान्यता भी खतरे में होगी

शिक्षा विभाग से कहा गया है कि निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाएं कि वे दाखिला फीस न लें। अगर दाखिला फीस ली जाती है तो यह न्यायालय और सरकार के आदेशों का उल्लंघन होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 12:58 PM (IST)
Jammu Kashmir: दाखिला फीस ली तो निजी स्कूलों पर दस गुना जुर्माना, स्कूलों की मान्यता भी खतरे में होगी
Jammu Kashmir: दाखिला फीस ली तो निजी स्कूलों पर दस गुना जुर्माना, स्कूलों की मान्यता भी खतरे में होगी

जम्मू, राज्य ब्यूरो : प्रदेश में केंद्रीय कानून प्रभावी होने के बाद हर क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव हो रहे हैं। अब निजी स्कूलों की मनमानी पर भी अंकुश लगाया जाने लगा है। दाखिला के नाम पर बच्चों से मोटी रकम वसूलने पाले निजी स्कूल अब सरकार की निगरानी बच नहीं पाएंगे। अब अगर निजी स्कूल बच्चों से दाखिला फीस लेते हैं तो दस गुना जुर्माना भरना पड़ेगा। नहीं माने तो मान्यता भी खतरे में पड़ जाएगी। इतना ही नहीं, दाखिले के समय स्कूल प्रबंधन न तो बच्चों और न ही अभिभावकों की स्क्रीनिंग कर सकेंगे।

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स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में 31 अक्टूबर 2019 से केंद्रीय शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो चुका है। उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बाद अगर किसी निजी स्कूल ने दाखिला फीस ले भी ली है तो उसे हर हाल में वापस करना होगा। अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। आदेश के अनुसार फीस निर्धारित कमेटी ने 14 सितंबर 2020 को आदेश जारी किया था। इस आदेश में शिक्षा विभाग से कहा गया है कि निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाएं कि वे दाखिला फीस न लें। अगर दाखिला फीस ली जाती है तो यह न्यायालय और सरकार के आदेशों का उल्लंघन होगा।

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में शिक्षा का अधिकार कानून-2009 में लागू हो गया है। इस कानून की धारा 13 के तहत कोई भी निजी स्कूल बच्चों का दाखिला करते हुए दाखिला फीस नहीं ले सकता है। अगर कोई स्कूल दाखिला फीस लेता है तो उस स्कूल से दाखिला फीस का दस गुना जुर्माना वसूला जाएगा।

बच्चों की स्क्रीनिंग की तो भी नपेंगे: आदेश में स्पष्ट है कि स्कूल में दाखिला करते समय बच्चे या अभिभावक की स्क्रीनिंग नहीं की जा सकती है। अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उस पर 25 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर इसे फिर से दोहराया जाता है तो जुर्माने की रकम पचास हजार रुपये होगी।

कमेटी ने यह दिया था आदेश: फीस निर्धारित कमेटी ने गत वर्ष 28 जनवरी को आदेश जारी कर कहा था कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस, वार्षिक फीस, ट्रांसपोर्ट चार्ज ही ले सकते हैं। इसके अलावा अन्य कोई फीस नहीं ले सकते। उसके बाद मार्च में विभाग ने आदेश दिया था कि कोरोना की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन की अवधि में मासिक फीस ही ली जाए। वार्षिक यानी एनुअल चार्ज नहीं लिया जाए। जब हालात सुधर जाएं तो बाद में महीने के हिसाब से बांटकर इसे ले सकते हैं, लेकिन अब स्कूल शिक्षा विभाग का जो आदेश आया है इसमें पहली बार दाखिला फीस नहीं ली जा सकती है। नया दाखिला लेते समय भी। 


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