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Jammu Kashmir: लॉकडाउन में नहीं रूके विकास के पहियें, नाबार्ड के वित्तीय पोषण में हुई 70 फीसद वृद्धि

Jammu Kashmir नाबार्ड ने प्रदेश में पानी सप्लाई की 36 योजनाओं कृषि ढांचा विकसित करने की पांच योजनाओं तथा सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण की आठ योजनाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 787 करोड़ रुपये का वित्तीय पोषण दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 11:13 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 11:13 AM (IST)
Jammu Kashmir: लॉकडाउन में नहीं रूके विकास के पहियें, नाबार्ड के वित्तीय पोषण में हुई 70 फीसद वृद्धि
आत्मनिर्भर भारत के तहत किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवाने के लिए 150 करोड़ रुपये की फंडिंग की।

जम्मू, जागरण संवाददाता: वित्तीय वर्ष 2020-21 कोरोना महामारी से लड़ाई व लॉकडाउन में ही बीत गया लेकिन इस जद्दोजहद के बीच जम्मू-कश्मीर में विकास के पहियें चलते रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति में पिछले साल की तुलना में तेजी नजर आई।

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राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के विविध क्षेत्रों की आर्थिक अर्थ व्यवस्था में तेजी लाने के लिए सहायता बढ़ाया ताकि प्रदेश में चौतरफा विकास हो सके। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बीते वित्तीय वर्ष में नाबार्ड ने 70 फीसद अधिक वित्तीय पोषण दिया।

ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नाबार्ड ने बीते वित्तीय वर्ष में 111 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी ताकि वे ग्रामीणों की जरूरतों के अनुसार उन्हें ऋण उपलब्ध करा सके। वहीं कृषि व संबंधित क्षेत्रों में नाबार्ड की ओर से 50 करोड़ रुपये की वित्तीय पोषण दिया गया। इसके अलावा नाबार्ड ने आत्मनिर्भर भारत के तहत किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवाने के लिए 150 करोड़ रुपये की फंडिंग की।

इसके अलावा नाबार्ड ने प्रदेश में पानी सप्लाई की 36 योजनाओं, कृषि ढांचा विकसित करने की पांच योजनाओं तथा सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण की आठ योजनाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 787 करोड़ रुपये का वित्तीय पोषण दिया। वित्तीय समावेश योजना के तहत नाबार्ड ने 6.12 करोड़ का योगदान दिया।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए भी नाबार्ड लगातार कार्य कर रहा है और बीते वित्तीय वर्ष में नाबार्ड ने जल संरक्षण व बेहतर सिंचाई व्यवस्था के लिए भी सात योजनाओं को मंजूरी दी है। नाबार्ड को उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष में कई अन्य योजनाओं पर भी काम होगा जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी। 


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