Ceasefire Violation: कोरोना संकट के बीच एलओसी पर रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बना रही पाक सेना
बारामुला के उपायुक्त डा. जीए इट्टु ने बताया कि एलओसी से सटे गांवों में एक कार्ययोजना को लागू किया जा रहा है ताकि गोलाबारी से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति सेनिपटा जा सके।
श्रीनगर, नवीन नवाज। गुलाम कश्मीर में कोरोना के संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों से ध्यान हटाने को पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का लगातार उल्लंघन कर रहा है। उत्तरी कश्मीर से पुंछ-राजौरी तक नियंत्रण रेखा पर रह-रहकर फायङ्क्षरग हो रही है। इसमें सेना ही नहीं नागरिक ठिकानों पर भी गोले बरसा रहा है। भारतीय सेना करारा जवाब भी दे रही है। वहीं सेना व प्रशासन ने लोगों को बचाने के लिए वैकल्पिक योजना तैयार कर ली है।
पाक की फायरिंग का आमलोगों को खास नुकसान झेलना पड़ रहा है। कोरोना के कारण उनका बंकरों में छिपना भी मुश्किल रहता है। इसमें कुछ ग्रामीण घायल भी हुए हैं। ऐसे हालात में लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने के लिए नागरिक प्रशासन और सेना के अधिकारी लगातार उनसे संवाद-समन्वय और संपर्क बनाए हुए हैं।
जम्मू कश्मीर राज्य में करीब पांच फीसद आबादी एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे इलाकों में रहती है। चूंकि अब पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में कोरोना के मामले सामने आए हैं। वहां के लोगों के लिए पाकिस्तान पर्याप्त करने में असमर्थ रहा है। ऐसे में उड़ी सेक्टर और राजौरी-पुंछ जिले में पाकिस्तानी आए दिन गोलाबारी कर रहा है।
उड़ी क्षेत्र के चुरुंडा गांव निवासी नियाज दीदड़ ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में कोरोना का कहर है, लेकिन पाकिस्तान इस हालात में भी गोलाबारी कर रहा है। अगर गोलाबारी से बचने के लिए सामुदायिक बंकर में शरण लेते हैं तो वहां संक्रमण का खतरा है। पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में मेरा चचेरा भाई जख्मी हुआ था।
एक अन्य ग्रामीण बशीर अहमद ने कहा कि पाकिस्तानी सेना हमारे घरों पर गोलाबारी कर रही है। पाकिस्तान पाकिस्तान को हम लोगों से, कश्मीरियों से कोई हमदर्दी नहीं है। वह सोचता है हम बचने के लिए बंकर में जाएंगे तो कोरोना का संक्रमण फैलेगा।
उड़ी स्थित एक वरिष्ठ सैन्याधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल ही में जंगबंदी के उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गई हैं। अब वह रिहायशी ठिकानों को निशाना बना रही है। हम उसकी साजिशों को समझते हैं। हमने भी अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि हम स्थानीय लोगों की लगातार काउंसङ्क्षलग कर रहे हैं। उन्हें बचाव की विभिन्न हिदायतों पर अमल के लिए समझा रहे हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने और लोगों को किसी एक जगह पर जमा न होने देने की पूरी कार्ययोजना तैयार हैं।
बारामुला के उपायुक्त डा. जीए इट्टु ने बताया कि एलओसी से सटे गांवों में एक कार्ययोजना को लागू किया जा रहा है ताकि गोलाबारी से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी तौर पर निपटा जा सके। इन गांवों में नंबरदारों व चौकीदारों और पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और गोलाबारी की स्थिति में चिह्नित स्थानों पर शरण लेने के लिए जागृत किया जा रहा है।
आइबी से एलओसी तक पाक ने दागे गोले: पाक सेना ने सोमवार को राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारी गोलाबारी की। इस गोलाबारी की आड़ में पाक सेना आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने का प्रयास कर रही थी, जिसे भारतीय सेना के जवानों ने विफल कर दिया। पाक सेना ने राजौरी के नौशहरा और पुंछ जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर में भारी गोलाबारी शुरू कर दी। पाक सेना ने पहले सेना की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया, लेकिन जैसे ही दोनों सेक्टरों में भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई शुरू की तो पाक सेना ने रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाकर मोर्टार दागना शुरू कर दिए। गोलाबारी में सीमा पर किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ हैै।
वहीं, कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में तीन दिनों बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए रविवार रात को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हीरानगर सेक्टर के मनयारी पानसर गांवों में गोलीबारी की, जो सोमवार की सुबह तक जारी रही। पाक रेंजरों ने इस दौरान मोर्टार के दर्जनों गोले दागे। गोलीबारी से गांवों में कोई जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ, मगर फसलों का नुकसान जरूर हो रहा है। क्षेत्र के निवासी मनोहर लाल, कमलेश देवी, सुरेंद्र कुमार का कहना है कि पिछले छह माह से होती आ रही गोलीबारी से लोग काफी नुकसान उठा चुके हैं। अगर पाकिस्तान गोलीबारी बंद नहीं करता तो गांवों को खाली करवा कर मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।