Jammu Kashmir Budget 2021-22: कृषि-बागवानी को दोनों हाथों से मिला धन, किसान होंगे मालामाल
Jammu Kashmir Budget 2021-22 नैफेड के तहत बागवानी उत्पादों की खरीदारी के लिए निवेश पर भी ध्यान दिया गया है। नैफेड के सहयोग से अगले पांच वर्षों में सेब अखरोट चेरी विदेशी सब्जी और अन्य बागवानी उत्पादों की पैदावार बढ़ाने के लिए 1700 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर को कृषि और बागवानी क्षेत्र में केंद्र सरकार ने दोनों हाथों से धन दिया है ताकि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जा सके। इसके लिए केंद्र ने 2008 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है। गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार 695 करोड़ रुपये अधिक मिले थे।
जम्मू-कश्मीर के बजट में बड़ी बात यह है कि नैफेड के तहत बागवानी उत्पादों की खरीदारी के लिए निवेश पर भी ध्यान दिया गया है। नैफेड के सहयोग से अगले पांच वर्षों में सेब, अखरोट, चेरी, विदेशी सब्जी और अन्य बागवानी उत्पादों की पैदावार बढ़ाने के लिए 1700 करोड़ का निवेश किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में तीन कोल्ड स्टोर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये रखे गए हैं। ये कोल्ड स्टोर जम्मू संभाग के कठुआ समेत उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर में बनाए जाएंगे। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। इसके लिए योजनाएं बनाई गई हैं। बजट में 5500 हेक्टेयर भूमि पर उच्च घनत्व पर फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे किसानों की आमदनी तीन से चार गुना बढ़ाने में मदद मिलेगी। अगले वित्तीय वर्ष में ही 120 हेक्टेयर भूमि पर उच्च घनत्व पौधारोपण का विस्तार किया जाएगा।
प्रदेश में ऐसे बदलेगी खेतीबाड़ी और बागवानी की सूरत
- बागवानी और फसल प्रबंधन के लिए ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास किया जाएगा। रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे।
- भंडारण की क्षमता चार लाख टन करने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी के लिए 74.55 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
- साढ़े सात लाख किसानों को 15.50 करोड़ रुपये से एक लाख क्विंटल बीज वितरित किया जाएगा।
- सिंचाई सुविधा के लिए 91.27 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इससे ढाई हजार पंप सेट, 720 कुएं और नहरों का निर्माण किया जाएगा। इससे 25 हजार किसान लाभान्वित होंगे और 87750 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
- 30,000 हजार किसानों को 65.81 करोड़ रुपये से कृषि उपकरण दिए जाएंगे।
- एक करोड़ की लागत से दो मंडियां बनेंगी। इसका फायदा 25 हजार किसानों को मिलेगा।
- 26 करोड़ खर्च कर 35 हजार किसान प्रशिक्षित किए जाएंगे।
- कृषि विश्वविद्यालयों में जर्मप्लाज्म उत्पादन के लिए ढाई करोड़ मिले हैं।
- पौने एक करोड़ से सात सौ हेक्टेयर भूमि पर शहतूत की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।
- अगले वित्तीय वर्ष में .30 लाख टन सूखे फल और 22 लाख टन ताजे फलों को निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया है।
पशु, भेड़ एवं मछली पालन का बजट 36 करोड़ बढ़ा, रोजगार बढ़ेंगे
जम्मू-कश्मीर में पशु, भेड़ एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इसके बजट में काफी बढ़ोतरी की है। इस बार इस क्षेत्र में 338 करोड़ रुपये मिले हैं। पिछले साल से यह रकम 36 करोड़ अधिक है। भारी भरकम बजट बढ़ाने के पीछे सरकार की मंशा इस क्षेत्र में अगले साल दो हजार लोगों को सीधे रोजगार देना है। ये रोजगार इस क्षेत्र के अन्य रोजगारों से अलग होंगे। इसके लिए दो हजार इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इनमें 27500 भेड़-बकरियों को लाया जाएगा। इससे पांच लाख किलोग्राम मांस का अतिरिक्त उत्पादन हो सकेगा। प्रति पशु चमड़े का उत्पादन भी 18 किलोग्राम से बढ़ाकर 21 किलोग्राम किया जाएगा। ऊन का उत्पादन भी दो से बढ़कर ढाई किलोग्राम प्रति पशु हो सकेगा। बजट में दुग्ध उत्पादन पर भी जोर दिया गया है। दूध उत्पादन के लिए 20 हजार मवेशियों को शामिल किया जाएगा। समेकित डेयरी विकास योजना को जम्मू कश्मीर में पूरी क्षमता के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। इससे रोजगार की नई संभावना निकलेगी।