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Jammu Kashmir: सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान का पक्ष रखने वालों का भाजपा प्रदेश प्रधान रैना ने किया विरोध

Jammu Kashmir All Party Meeting रविंद्र रैना ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ वार्ता में प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उन निवासियों के बारे में भी बात की जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों (गुलाम कश्मीर) में रह रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 11:36 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 11:36 AM (IST)
Jammu Kashmir: सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान का पक्ष रखने वालों का भाजपा प्रदेश प्रधान रैना ने किया विरोध
हमें पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद और अलगाववाद को खत्म करने की मुहिम को और तेज करना चाहिए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: प्रदेश भाजपा ने पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत का विरोध करते हुए कहा है कि इसकी पैरवी करने वाले लोग पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित हिंसा के प्रभावितों से मिलकर उनके दर्द को समझें। प्रदेश भाजपा ने यह बात वीरवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सर्वदलीय बैठक में रखी है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रङ्क्षवद्र रैना, पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह व कविंद्र गुप्ता ने हिस्सा लिया।

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बैठक के दौरान भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने जोर दिया कि केंद्र सरकार जल्द एक एपेक्स कमेटी बनाकर विस्थापित कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधियों से बैठक कर उनकी सम्मानजनक कश्मीर वापसी व पुनर्वास की दिशा में कार्रवाई करे। बैठक में रैना ने कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। गुलाम कश्मीर में आतंकवादी शिविर सक्रिय हैं और पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में खूनखराबा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हमें पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद और अलगाववाद को खत्म करने की मुहिम को और तेज करना चाहिए।

रविन्द्र रैना ने जागरण को बताया कि उन्होंने बैठक में राष्ट्रवादी लोगों का पक्ष रखते हुए कहा कि वर्ष 1990 में पाकिस्तान द्वारा बंदूक संस्कृति को शह देने के कारण कश्मीर से कश्मीरी पंडित, सिख व राष्ट्रवादी मुस्लिमों को घर छोड़कर भागना पड़ा था। अब उनका पुनर्वास करना जरूरी है।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन करते हुए रैना ने कहा कि इसके खत्म होने से जम्मू कश्मीर की बेटियों को उनका हिस्सा हक मिला है। साथ ही गुलाम कश्मीर व पश्चिम पाकिस्तान से आए रिफ्यूजियों, गोरखा व वाल्मीकि समाज को भी इंसाफ मिला है। अब तक कश्मीर केंद्रित सरकारों द्वारा नागरिकता के अधिकारों से वंचित रखा गया था।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला कर रहे स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) और विलेज डिफेंस कमेटी (वीडीसी) के सदस्यों द्वारा उठाए जा रहे मसलों का समाधान करने पर भी जोर दिया।

गुलाम कश्मीर के लोगों की भी बात: रविंद्र रैना ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ वार्ता में प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उन निवासियों के बारे में भी बात की, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों (गुलाम कश्मीर) में रह रहे हैं। रैना ने कहा कि सरकार को उन पर विशेष ध्यान देना चाहिए और उनकी आवाज बनना चाहिए क्योंकि वे मानवाधिकारों के हनन की सबसे खराब स्थिति को झेल रहे हैं। 


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