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Jammu Kashmir: केसर-गुच्छी के बाद बेसाहली पेंटिंग व शॉल को भी मिलेगा जीआई टैग

उद्योग व वाणिज्य विभाग के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने इन उत्पादों को जीआई टैग दिलाने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश देते हुए कहा है कि इससे स्थानीय शिल्पकार संरक्षित रहेंगे और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 11:47 AM (IST)
Jammu Kashmir: केसर-गुच्छी के बाद बेसाहली पेंटिंग व शॉल को भी मिलेगा जीआई टैग
सरकार उन सभी उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास कर रही है जिनका स्थानीय महत्व है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: कश्मीर के केसर व डोडा की गुच्छी मशरूम को जीआई टैग दिलाकर विश्व व्यापारी बाजार उपलब्ध करवाने के प्रयासों के बीच प्रदेश सरकार ने अब जम्मू-कश्मीर के पांच अन्य स्थानीय शिल्प उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का फैसला किया है। इसके लिए नाबार्ड व क्राफ्ट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट को नोडल एजेंसी बनाया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे स्थानीय शिल्प कला को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध होगा जिससे इन शिल्प कला से जुड़े स्थानीय कारीगरों की भी अर्थ व्यवस्था बेहतर होगी।

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उद्योग व वाणिज्य विभाग ने इस बार बसोहली की विश्व प्रसिद्ध पेंटिंग व यहां की स्थानीय शिल्प के दुर्लभ नमूने बसोहली शॉल को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने के लिए जीआई टैग दिलाने का फैसला लिया है। बसोहली पेंटिंग की यूं भी देश-विदेश में काफी मांग रहती है और इसे भौगोलिक संकेत मिलने से इसकी शान और बढ़ेगी। इसके अलावा सरकार ने किश्तवाड़ के टवीड फेब्रिक व लोई (कंबल) तथा राजौरी के चिकरी शिल्प को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रस्तावित किया है।

क्राफ्ट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट को लोई व टवीड की जीआई रजिस्ट्रेशन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जबकि बसोहली पेंटिंग व शॉल के साथ चिकरी शिल्प को जीआई टैग दिलाने की जिम्मेदारी नाबार्ड को सौंपी गई है। उद्योग व वाणिज्य विभाग के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने इन उत्पादों को जीआई टैग दिलाने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश देते हुए कहा है कि इससे स्थानीय शिल्पकार संरक्षित रहेंगे और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।

द्विवेदी ने हस्तकला व हथकर्घा से जुड़े अन्य उत्पादों को भी जीआई टैग दिलाने के लिए उत्पादों को सूचीबद्ध करने का निर्देश भी दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उन सभी उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास कर रही है जिनका स्थानीय महत्व है। 


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