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Jammu: प्रदर्शन कर जम्मू के कलाकारों ने शुरू की मुहिम ‘सूने साज सुने सरकार’

अभिनव थियेटर परिसर में प्रदर्शन कर रहे कलाकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कलाकार रविंद्र शर्मा ने कहा कि जम्मू के कलाकारों की हमेशा उपेक्षा होती रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 03:33 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 03:33 PM (IST)
Jammu: प्रदर्शन कर जम्मू के कलाकारों ने शुरू की मुहिम ‘सूने साज सुने सरकार’
Jammu: प्रदर्शन कर जम्मू के कलाकारों ने शुरू की मुहिम ‘सूने साज सुने सरकार’

जम्मू, जागरण संवाददाता। कोरोना संकट के चलते बेरोजगार हुए कलाकारों ने अपनी परेशानियों को उजागर करने के लिए ‘सूने साज को सुने सरकार’ मुहिम शुरू की। कलाकार अपने साज लेकर जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी परिसर में पहुंचे और सभी वाद्य यंत्र एक साथ पर रखकर प्रदर्शन किया। कुछ नाट्य एवं संगीत संस्थाओं ने अपने-अपने संस्थान कार्यालय में नाटकीय अंदाज में सरकार विरोधी प्रदर्शन कर जल्द काम देने एवं पिछले भुगतान करने की मांग की।

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कुछ देर के लिए कलाकारों ने प्रदर्शन के दौरान अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए संदेश दिया कि अगर सरकार चाहे तो कलाकार कहीं भी सभी नियमों का पालन करते हुए लोगों को कोरोना जैसे खौफ से बाहर लाने की क्षमता रखते हैं। कलाकारों की मांग है कि उन्हें इस राष्ट्रीय आपदा में देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिले। इसके लिए जो मौजूदा वित्तीय व्यवस्था है। उसे क्रियान्वित किया जाए। इसके साथ और भी विशेष सहायता प्रदान की जाए। ताकि समाज का आईना बना रहा कलाकार अपनी भूमिका इस दौर में भी बखूबी निभा सकें।

प्रदर्शन कर रहे कलाकारों का कहना था कि लॉकडाउन के चलते उन्हें कहीं कोई काम नहीं मिला। सरकार ने हर वर्ग को राहत पैकेज दिया लेकिन कलाकारों की कभी किसी ने सुध नहीं ली। इससे पहले भी कलाकार अार्थिक मदद एवं काम के लिए प्रदर्शन कर चुके हैं। नटरंग, अमेच्योर थियेटर ग्रुप, भारतीय कला संगम, समूह थियेटर, नटराज नाट्य कुंज, वोमेध रंगमंच, शिवानी कल्चरल सोसायटी आदि संगठनों ने अपने-अपने कार्यालय में सरकार विरोधी प्रदर्शन किया।

अभिनव थियेटर परिसर में प्रदर्शन कर रहे कलाकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कलाकार रविंद्र शर्मा ने कहा कि जम्मू के कलाकारों की हमेशा उपेक्षा होती रही है। लॉकडाउन के इस दौर में कलाकारों की हालत और भी खराब है। दुख की बात है कि आज तक किसी ने भी कलाकारों की सुध नहीं ली। जम्मू दूरदर्शन के कार्यक्रम वर्षो से बंद हैं। जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी से थोड़े बहुत कार्यक्रम मिलते थे। वह भी बंद कर दिए गए हैं। जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है आकाशवाणी जम्मू की रिकार्डिंग भी बंद हो चुकी है। संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, आइसीसीआर और दूसरे सभी संगठनों के कार्यक्रम भी बंद हैं। ऐसे में कलाकारों के पास कोई काम नहीं है।

गायक सुरेंद्र मंहास ने कहा कि कलाकारों को इस राष्ट्रीय आपदा में देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिलना चाहिए। समूह थियेटर कलाकारों ने कुर्सियां रखी थी। जिन पर मुख्यातिथि, विशिष्ट अतिथि, अध्यक्षता और दर्शक की पर्चियां लगाई हुई थी। सूने साज सुने सरकार का एक बड़ा चार्ट चस्पा किया हुआ था। कलाकारों ने कहा कि यह मुहिम कलाकारों को उनका हक मिलने तक जारी रहेगी।


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