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जम्मू कश्मीर में भी ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवा शुरू करने की तैयारी, लोगों से आपत्तियां-सुझाव मांगे

डॉ. समून ने बताया कि नियमों के अनुरूप लाइसेंस सिर्फ पांच साल के लिए ही जारी किया जाएगा और इसका नवीकरण संबंधित कंपनी के कार्य प्रदर्शन के आधार पर ही होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 11:36 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 11:36 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में भी ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवा शुरू करने की तैयारी, लोगों से आपत्तियां-सुझाव मांगे
जम्मू कश्मीर में भी ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवा शुरू करने की तैयारी, लोगों से आपत्तियां-सुझाव मांगे

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : सब कुछ योजना अनुसार हुआ तो देश के अन्य शहरों की तरह जम्मू कश्मीर के लोग भी ओला, उबर जैसी टैक्सी सेवा का लाभ ले सकेंगे। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उबर, ओला जैसी टैक्सी सेवाओं के लिए प्रदेश के द्वार खोलने का फैसला किया है। इसके लिए परिवहन विभाग ने लोगों से आपत्तियां और सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। स्कूल शिक्षा और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव असगर अली सामून ने कहा कि फिलहाल हम एक नीति बना रहे हैं। नीति को प्रदेश प्रशासन द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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सामून ने बताया कि कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कोई भी कंपनी या फर्म जम्मू कश्मीर में एग्रीगेटर बनने और आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए परिवहन आयुक्त कार्यालय में आवेदन कर सकेंगी। आवेदक को इस क्षेत्र में कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए, उसके पास एक वैध जीएसटी व पैन नंबर हो। उसके पास न्यूनतम 250 टैक्सी या ऑटो का एक बेड़ा हो। इसके अलावा उसका अपना एक एमआइएस सिस्टम, वेब पोर्टल, मोबाइल एप के अलावा पार्किंग सुविधा के साथ-साथ 24 घंटे क्रियाशील रहने वाला एक कॉल सेंटर और एरिया ऑफ ऑपरेशन में एक पंजीकृत कार्यालय भी होना जरूरी है।

डॉ. समून ने बताया कि नियमों के अनुरूप लाइसेंस सिर्फ पांच साल के लिए ही जारी किया जाएगा और इसका नवीकरण संबंधित कंपनी के कार्य प्रदर्शन के आधार पर ही होगा। लाइसेंस जारी करने वाली संस्था नियमों-शर्तों के उल्लंघन, कंपनी के चालक द्वारा नियमों की अवज्ञा, लोगों के साथ दुव्र्यवहार पर लाइसेंस को रद कर सकती है। संबंधित कंपनी जिसे अपनी टैक्सी सेवा शुरू करने की अनुमति मिलेगी, वह सरकार द्वारा अधिसूचित किराया दर से ज्यादा किराया नहीं ले सकेगी। लाइसेंस धारी को अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप पर किराया दर का अनुमान लगाने वाला एक एस्टीमेटर भी लगाना होगा। संबंधित कंपनी के एप में सभी आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए।


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