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Jammu Kashmir: पीडीपी नेता क्यूम के परिजनों ने बड़े भाई के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर रिहाई की मांग उठाई

एमएलए हॉस्टल गेस्ट हाउस आदि में नजरबंद किए गए इनमें अधिकतर नेताओं को ठंड बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आना शुरू हो गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 01:31 PM (IST)
Jammu Kashmir: पीडीपी नेता क्यूम के परिजनों ने बड़े भाई के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर रिहाई की मांग उठाई
Jammu Kashmir: पीडीपी नेता क्यूम के परिजनों ने बड़े भाई के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर रिहाई की मांग उठाई

श्रीनगर, जेएनएन। पीडीपी नेता अब्दुल कयूम वानी के परिवार ने उनके बड़े भाई को गंभीर रूप से बीमार बताते हुए क्यूम की रिहाई की मांग की है। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वानी के बड़े भाई गुलजार अहमद वानी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्हें बेहतर उपचार के लिए मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया है। ऐसे में छोटा भाई होने के नाते अब्दुल क्यूम वानी का भी वहां होना बहुत आवश्यक है।

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क्यूम को गत 4 अगस्त से सेंट्रल जेल में बंद रखा गया है। मुंबई के टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट में उपचाराधीन गुलजार अहमद की मदद के लिए कयूम का वहां रहना जरूरी है, परिवार को भी उनकी जरूरत है। परिवार के इस मुश्किल समय को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वह उन्हें तुरंत रिहा करे। हालांकि प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है।

इसी बीच अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रशासन कश्मीर में एमएलए हॉस्टल व घरों में नजरबंद कुछ और नेताओं को रिहा करने पर विचार कर रही है। यही नहीं एमएलए हॉस्टल में नजरबंद कई नेताओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आने के बाद उन्हें उन्हीं के घरों में स्थानांतिरत करने की भी तैयारी की जा रही है। हालांकि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अभी भी कश्मीर में नजरबंद तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की रिहाई को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को छोड़ प्रशासन ने नेताओं को रिहाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद से ही घाटी में सक्रिय राजनीतिक दलों के नेताओं, अलगाववादियों सहित अन्य संगठनों से जुड़े सैकड़ों नेताओं को नजरबंद कर लिया गया था। कश्मीर में सामान्य होते हालात को देखते हुए प्रशासन ने अब इन नेताओं की रिहाई का सिलसिला शुरू कर दिया है। पिछले एक माह के दौरान ही पूर्व विधायकों सहित एक दर्जन से अधिक राजनीतिज्ञों को रिहा कर दिया गया है। एमएलए हॉस्टल, गेस्ट हाउस आदि में नजरबंद किए गए इनमें अधिकतर नेताओं को ठंड बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आना शुरू हो गई है। इन्हीं हालात को देखते हुए हॉस्टल में बंद कई नेताओं को उनके घरों में स्थानांतिरत किया जाएगा।

इसके अलावा प्रशासन ने स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे कई नेताओं को जांच के लिए दूसरे राज्यों में जाने की अनुमति भी दे दी है। सनद रहे कि विभिन्न राजनीतिक दलों के पूर्व विधायकों और मंत्रियों सहित लगभग 31 नेताओं को शहर के बीचोंबीच एमएलए हॉस्टल में रखा गया है। इसे उप-जेल का दर्जा दिया गया है। जबकि दो दर्जन से अधिक नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद रखा गया है। इनमें से अधिकांश नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस के हैं।


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