Corona Virus: चीन से लौटने वालों पर नजर, 10 में से तीन की रिपोर्ट नेगेटिव, सात का इंतजार
चीन में इस वायरस के फैलने के बाद 11 लोग कश्मीर घाटी लौट आए हैं जिनमें छह विद्यार्थी हैं। जांच में इन लोगों की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद इन्हें निगरानी में रखा गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। चीन से लौटे जम्मू कश्मीर के नागरिकों में अभी तक कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वरियोलॉजी (एनआइवी) पुणो में भेजे गए 10 लोगों के सैंपल में से तीन की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। शेष सात लोगों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
चीन से करीब डेढ़ दर्जन लोग बीते एक सप्ताह में जम्मू कश्मीर लौटे हैं। इनमें से अधिकांश चीन के वुहान प्रांत में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र हैं। प्रशासन ने चीन से आने वालों की जांच का बंदोबस्त करते हुए जम्मू व श्रीनगर स्थित दोनों प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि चीन से लौटे लोगों के परिजनों को हिदायत दी गई है कि वह बुखार, खांसी होने पर तुरंत संपर्क करें। जम्मू में थाईलैंड से आए एक संदिग्ध मरीज का सैंपल एनआइवी पुणो भेजा गया है। इसी तरह एक अन्य परिवार के दो सदस्य हाल ही में चीन से लौटे हैं। इस परिवार के छह सदस्यों के सैंपल पुणो भेजे गए हैं। जीएमसी की माइक्रोबायोलाजी विभाग की एचओडी डॉ. शशि सूदन के अनुसार जो सैंपल आए हैं, उन्हें पुणो भेजा गया है। रिपोर्ट आना बाकी है। इसी तरह कश्मीर में हाल ही में चीन से लौटे तीन एमबीबीएस विद्यार्थियों के सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि पांच अन्य विद्यार्थियों को घर पर ही रखा गया है। जिला सर्विलांस की टीमें घर पर दो बार दौरा कर रही हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्त आयुक्त अटल ढुल्लु ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं।
जम्मू व श्रीनगर के दो अस्पतालों में बनाए गए हैं आइसोलेशन वार्ड
वादी में कोरोना वायरस का अभी कोई मामला सामने नहीं आया है। चीन में इस वायरस के फैलने के बाद 11 लोग कश्मीर घाटी लौट आए हैं, जिनमें छह विद्यार्थी हैं। जांच में इन लोगों की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद इन्हें निगरानी में रखा गया है। वादी में कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन ने एसएमएचएस अस्पताल, शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान अनुसंधान, सौरा और मैटरनिटी अस्पताल श्रीनगर में विशेष वार्ड स्थापित किए हैं। इसके बारे में जानकारी देने और मदद के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं। श्रीनगर हवाई अड्डे पर विशेष जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। एसएमएचएस अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा कि चीन से लौटने वालों को कोरोना वायरस से मुक्त करार देना उचित नहीं है। इस वायरस से संक्रमित लोगों में पहले कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन जब यह वायरस उनके शरीर में पूरी तरह फैल जाता है तो लक्षण प्रकट हो जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चीन से लौटे लोगों का मुआयना कर यह कहकर घर भेज दिया कि वहीं पर उन्हें निगरानी में रखा गया है, लेकिन यह खतरनाक साबित हो सकता है। इन लोगों को अस्पताल में ही निगरानी में रखना चाहिए था ताकि उनके परिवार के अन्य सदस्य खतरे में न पड़ें।
उन्होंने कहा कि एक तो हमारे अस्पतालों की प्रयोगशालाओं में वह उपकरण नहीं हैं, जिनके माध्यम से इस वायरस का पता लगाया जा सके। दूसरा इन तीन अस्पतालों में जहां कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं, उस तरह विकसित नहीं हैं। चूंकि यह वायरस हवा के माध्यम से फैलता है। इसलिए यह वार्ड नेगेटिव प्रेशर आइसोलेटिड वार्डस की तर्ज पर होने चाहिए। नेगेटिव प्रेशर आइसोलेटिड वार्ड में हवा को खास तरीके से कमरे में ही रखा जाता है। हवा को बाहर नहीं आने दिया जाता। इस तरह इन कमरों में भर्ती मरीज संक्रमण नहीं फैला सकते। मैटरनिटी अस्पताल में स्थापित विशेष वार्ड के बारे में उन्होंने कहा कि यह जच्च-बच्च अस्पताल है। उस अस्पताल में इस तरह के मरीजों के लिए वार्ड स्थापित करना जोखिम भरा है। सिर्फ श्रीनगर हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग की सुविधा काफी नहीं है।