जम्मू व श्रीनगर में दो पार्किंग परियोजनाएं रद कर वहां नई परियोजनाएं शुरू करने पर हो रहा विचार
केंद्र सरकार ने देश के 500 शहरों का कायाकल्प करने के लिए ही 2015 में अमृत मिशन को शुरु किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2015 में अमृत मिशन लांच किया था। अमृत मिशन का उद्देश्य देश के सभी शहरों में जलापूर्ति साफ-सफाई और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने शरदकालीन राजधानी जम्मू और ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दाे वाहन पार्किंग परियोजनाओं केे निर्माण को रद कर उनके स्थान पर नयी परियोजनाओं को शुरु करने का मन बनाया है। केंद्र सरकार ने इसका नोटिस लेते हुए प्रदेश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार कर दोनों परियाेजनाओं को जल्द शुरु करने को कहा है। इनमें एक परियोजना पीरखोह जम्मू में और दूसरी पोलो व्यू मार्किट श्रीनगर में बनायी जानी है। ये दोनों परियोजनाएं अटल मिशन ऑफ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमृत) के तहत बनायी जानी हैं।
केंद्र सरकार ने देश के 500 शहरों का कायाकल्प करने के लिए ही 2015 में अमृत मिशन को शुरु किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2015 में अमृत मिशन लांच किया था। अमृत मिशन का उद्देश्य देश के सभी शहरों में जलापूर्ति, साफ-सफाई और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना है। वित्त वर्ष 2015 से पांच साल के लिए अमृत मिशन पर 5000 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था। अमृत मिशन में उन कस्बों या क्षेत्रों को चुना गया है, जहां बुनियादी सुविधाएं जैसे- बिजली, पानी की सप्लाई, सीवर, कूड़ा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, ट्रांसपोर्ट, बच्चों के लिये पार्क, अच्छी सड़क और चारों तरफ हरियाली आदि की कमी है। इनके अतिरिक्त अमृत मिशन में ई-गवर्नेंस के माध्यम से कई ऐसी सुविधा दिए जाने का भी प्रावधान किया जाना था जिससे लोगों का जीवन सुगम बने।
अमृत मिशन में हर क्षेत्र के अंतर्गत नगर निकाय की समितियों को इस परियोजना को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने इसे दो साल के लिए और बढ़ाया है।
जम्मू-कश्मीर शहरी एवं आवास विभाग से संबधित सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अमृत मिशन के तहत जम्मू और श्रीनगर की दो प्रस्तावित कार पार्किंग परियोजनाओं काे छोड़ दिया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने इसका कड़ा नाेटिस लिया है। दिसंबर 2020 में अमृत मिशन के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए गठित सर्वाेच्च समिति की 26वीं बैठक में यह मुदा उठा था। केंद्रीय शहरी एवं आवास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश सरकार को कहा था कि इन दाेनों परियोजनाओं को अब बंद नहीं किया जाना चाहिए। इन्हें छोड़ना अनुचित है। इनके लिए केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर को शत प्रतिशत वित्तीय मदद मिल रही है। जम्मू-कश्मीर को इनके लिए अपने खजाने से कुछ भी खर्च नहीं करना है।
बैठक में जम्मू-कश्मीर प्रदेश सरकार ने बताया कि पीरखोह, जम्मू और पोलो व्यू श्रीनगर में बनने वाली कार पार्किंग परियोजनाओं पर 25.10 करोड़ की लागत आनी है। इन्हें अभी तक शुरु नहीं किया गया है। इसलिए इन्हें रद कर इनके स्थान पर कुछ नयी परियोजनाओं को शुरु करने की अनुमति दी जानी चाहिए। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन के सुझाव को फिलहाल खारिज कर दिया है।