रॉयल सिंह की मेडिकल जांच कराने का आवेदन खारिज, पिता ने पुलिस पर लगाया था प्रताड़ित करने का आरोप
रायल सिंह के पिता की ओर से दायर आवेदन में कहा गया कि उक्त मामले में पूछताछ के लिए रायल सिंह को गांधी नगर पुलिस ने रिमांड पर लिया था। 15-18 अप्रैल को जब वह रायल सिंह को मिले तो उसके शरीर पर चोटों के निशान थे।
जम्मू, जेएनएफ: चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने नागर सिंह उर्फ नागो के गांधी नगर स्थित निवास पर गोलीबारी करने के मामले में आरोपित विचाराधीन कैदी रायल सिंह की मेडिकल जांच करवाने की मांग को लेकर दायर आवेदन खारिज कर दिया है।
रायल सिंह के पिता की ओर से दायर आवेदन में कहा गया कि उक्त मामले में पूछताछ के लिए रायल सिंह को गांधी नगर पुलिस ने रिमांड पर लिया था। 15-18 अप्रैल को जब वह रायल सिंह को मिले तो उसके शरीर पर चोटों के निशान थे जोकि पुलिस की थर्ड डिग्री से हुए। लिहाजा उसकी मेडिकल जांच कराई जाए। वहीं पुलिस की ओर से दलील दी गई कि पूछताछ के दौरान रायल सिंह को किसी तरह की प्रताड़ना नहीं दी गई है और नियमानुसार व कानून के दायरे में रहकर उससे पूछताछ की गई।
इसके अलावा रायल सिंह की नियमित मेडिकल जांच कराई जाती है। 17 अप्रैल, 21 अप्रैल और उसके बाद 22 अप्रैल को उसकी मेडिकल जांच करवाई गई। पुलिस की ओर से ये तीनों मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई। मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कोर्ट ने पाया कि रायल सिंह की पुलिस अस्पताल में तीन बार मेडिकल जांच हुई और तीनों रिपोर्ट में उसे फिट बताया गया है, ऐसे में दोबारा मेडिकल जांच करवाने का कोई औचित्य नहीं।
ट्रायल कोर्ट को आरोपित बनाने का अधिकार: हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी केस में ट्रायल कोर्ट को किसी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलते है तो कोर्ट काे पूरा अधिकार है कि वो उसे आरोपितों की सूची में शामिल करके उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करें। हाईकोर्ट ने मेहराज-उद-दीन खान की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। मेहराज-उद-दीन ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती ी थी जिसमें ट्रायल कोर्ट ने उसे आरोपित बनाते हुए कार्रवाई शुरू की थी।