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Jammu : गांव सद्दल के प्रभावितों के बसने की फिर जगी उम्मीद, हाईकोर्ट ने जल्द पुनर्वास करने के निर्देश दिए

Sadal Village Of Udhampur प्रभावित 46 परिवारों को रहने की व्यवस्था आपदा प्रबंधन विभाग ने शेड में की है। अस्थायी आवासों को प्लाइबोर्ड से विभाजन तो गिया गया है मगर सभी हॉल की एक ही छत के लिए रहते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 08:40 AM (IST)
Jammu : गांव सद्दल के प्रभावितों के बसने की फिर जगी उम्मीद, हाईकोर्ट ने जल्द पुनर्वास करने के निर्देश दिए
कई संस्थाएं मदद करने जाती रहीं, मगर अब भूले बिसरे ही कोई वहां पहुंचता है।

ऊधमपुर, अमित माही: पंचैरी ब्लाक में स्थित पंजर पंचायत के सद्दल गांव को जमींदोज हुए सात साल बीच चुके हैं। वर्ष 2014 सितंबर माह में हुई जबरदस्त बारिश ने सदल पर ऐसा कहर ढाया कि सारा गांव एक पल में जमींदोज हो गया था। 40 लोग मलबे में ङ्क्षजदा दफन हो गए थे। इनमें से 36 के शव तो बरामद कर लिए गए। 11 माह के बच्चे और एक महिला समेत चार लोगों के शव आज भी सदल के मलबे में दफन हैं। वहीं, अब हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को हादसे में बचे गांव के लोगों का जल्द से जल्द पुनर्वास करने के निर्देश दिए हैं।

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मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इन गांववासियों को मानसर गांव में बसाया जा रहा है। हर परिवार के लिए जगह भी चिन्हित की जा चुकी है लेकिन किन्हीं कारणों से पुनर्वास कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया। सरकारी वकील ने बताया कि अब बिजली कनेक्शन लगाना व अन्य कुछ छोटे-मोटे काम रह गए है, जिन्हें जल्द पूरा किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए एक माह की मोहलत मांगी। इस पर बेंच ने पुनर्वास कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिया था गोद : जनवरी 2015 को ऊधमपुर के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री डा. जितेंद्र ङ्क्षसह ने सद्दल गांव को गोद लिया। उन्होंने जून 2016 से पहले इस गांव को राज्य का पहला आदर्श गांव के तौर पर फिर से बसाने का ऐलान किया। मगर इसी बीच जियोलाजी सर्वे ऑफ इंडिया तथा वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून द्वारा किए गए संयुक्त सर्वे के बाद सद्दल व आसपास स्थित पंजर, कसूरी को आबादी बसाने के असुरक्षित घोषित किया गया। इसके बाद सद्दल को किसी दूसरी जगह बसाने के लिए 150 से 200 कनाल जमीन की तलाश शुरू हुई और ऊधमपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर क्रिमची के पास जगह चिन्हित की गई।

अभी सुई गांव में रह रहे हैं प्रभावित 46 परिवार: सद्दल हादसे में जीवित बचे प्रभावित वर्तमान में विस्थापित की तरह सुई गांव में रह रहे हैं। प्रभावित 46 परिवारों को रहने की व्यवस्था आपदा प्रबंधन विभाग ने शेड में की है। अस्थायी आवासों को प्लाइबोर्ड से विभाजन तो गिया गया है, मगर सभी हॉल की एक ही छत के लिए रहते हैं। शुरू में कई संस्थाएं मदद करने जाती रहीं, मगर अब भूले बिसरे ही कोई वहां पहुंचता है।

ऐसा था सद्दल गांव

  • क्षेत्रफल - 4.5 वर्ग किलोमीटर
  • घर - 75 (सभी कच्चे)
  • परिवार - 132
  • कुल आबादी - 622
  • महिलाएं - 271
  • पुरुष - 351
  • मिडिल स्कूल-1
  • प्राइमरी स्कूल -1
  • आंगनबाड़ी सेंटर - 3  

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