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Jammu Farmers: बासमती के दाम चढ़ने से किसान खुश, अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद जगी

अरनिया के किसान महेश सिंह का कहना है कि अभी भी बासमती के दाम सामान्य ही हैं। किसानों को प्रति क्विंटल बासमती धान के लिए पांच हजार रुपए से अधिक दाम मिलने चाहिए। चलो दाम चढ़ते क्रम में आए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 12:22 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 12:22 PM (IST)
Jammu Farmers: बासमती के दाम चढ़ने से किसान खुश, अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद जगी
वहीं किसान विजय सैनी का कहना है कि बासमती के दाम चढ़ते क्रम में आने से किसान उत्साही है।

जम्मू, जागरण सवाददाता: जम्मू की मशहूर बासमती के चढ़ रहे दाम ने किसानों के चेहरों पर चमक ला दी है। किसान बासमती का भंडारण करने में जुटे हैं। उनका मानना है कि दाम और ऊपर जाएंगे तो बासमती बेचकर वे अच्छे दाम कमाएंगे। बासमती के दाम जोकि दो सप्ताह पहले 3800 रुपए प्रति क्विंटल थे, अब बढ़कर 4200 से 4300 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं।

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ऐसी उम्मीद है कि दाम और चढ़ेंगे। किसानों ने बासमती का भंडारन कर मार्केट पर नजर रखना शुरू कर दिया है। बेहतर दाम मिलते ही वह बासमती को बेचना शुरू कर देंगे। किसानों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें इस बार खेती के लिए महंगी मजदूरी चुकानी पड़ी। खेती खर्च बढ़ने के कारण ही किसान अपने उत्पाद के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद कर रहा है। उनका कहना है कि उन्हें खर्च के साथ-साथ अच्छा खासा मुनाफा भी मिले, यही उनकी इच्छा है।

बीते बरसों से आारएस पुरा की पारंपरिक बासमती बेल्ट के किसान इसलिए परेशान रहे हैं कि उनके उत्पाद के सही दाम नहीं मिल रहे थे। इससे किसान लगातार घाटे के दौर से गुजर रहा था। अरनिया के किसान महेश सिंह का कहना है कि अभी भी बासमती के दाम सामान्य ही हैं। किसानों को प्रति क्विंटल बासमती धान के लिए पांच हजार रुपए से अधिक दाम मिलने चाहिए। चलो दाम चढ़ते क्रम में आए। ऐसे में उम्मीद है कि दाम और ऊपर जाएंगे। किसानों को राहत मिल सकेगी।

वहीं किसान विजय सैनी का कहना है कि बासमती के दाम चढ़ते क्रम में आने से किसान उत्साही है। यह बासमती धान ही है जिसे तैयार करने के लिए किसानों को चार माह की लंबी मेहनत करनी होती है। मौसम का जोखिम भी रहता है। लेकिन उसके बाद उचित दाम तो मिलने चाहिए। केंद्र सरकार को चाहिए कि सामान्य धान के अलावा बासमती धान के दाम का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करना चाहिए। यही नहीं पारंपरिक बासमती की खेती करने वाले किसानों को बोनस भी देना चाहिए। 


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