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Jammu Farmers: सीजन की फसल आने से पहले स्थायी मंडियां बनाने की मांग कर रहे किसान

किसान कुलदीप राज का कहना है कि कभी अस्थायी मंडी इस गांव में तो कभी उस गांव में बनती है। ऐसे में किसान भ्रमित ही रहता है कि उसे किस ओर जाना है। कहीं एक ठिकाना हो तो किसानों को पता रहता है कि मंडी कहां पर है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 01:41 PM (IST)
Jammu Farmers: सीजन की फसल आने से पहले स्थायी मंडियां बनाने की मांग कर रहे किसान
बारिश के दिनों में किसानों को परेशान होना पड़ता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: रबी की फसल इस समय मध्य की स्थित में पहुंच रही हैं। अगले अढ़ाई माह में गेहूं की पैदावार निकल आएगी। ऐसे में किसानों की मांग है कि प्रशासन इस बार स्थायी मंडियों का तोहफा किसानों को दे। सीजन की फसल आने से पहले-पहले जम्मू संभाग में स्थायी मंडियों का निर्माण करे।

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हर साल सीजन में प्रशासन कुछ अस्थायी मंडियाें की व्यवस्था करता है। लेकिन इससे किसानों की दिक्कतें दूर नही हो पाती। इसलिए अब किसानों ने स्थायी मंडियां स्थापित किए जाने की मांग उठ रही है। जम्मू कश्मीर तहरीक-ए-किसान के प्रधान किशोर कुमार ने कहा कि हर साल प्रशासन को दो बार अस्थायी मंडियां बनानी पड़ती है। हर साल अतिरिक्त खर्चा करना पड़ता है। ऐसे में क्यों नही स्थायी मंडियों की स्थापना की जाती।

अगर स्थायी मंडियां बन जाएंगी तो किसानों की परेशानियां भी खत्म हो जाएंगी। क्योंकि किसानों को अस्थायी मंडियों में अनाज सुरक्षित रखने की जगह नही मिल पाती। बारिश के दिनों में किसानों को परेशान होना पड़ता है। इसलिए स्थायी मंडियां बनाना सही दिशा में कदम रहेगा।

वहीं किसान अश्वनी कुमार ने बताया कि आरएस पुरा, बिश्नाह व अरनियां क्षेत्र में हर बार अस्थायी मंडियां बनती है। मगर माल को स्टोर करने की बहुत ज्यादा व्यवस्था नही होती। वहीं हर साल जरूरी साज सामान की व्यवस्था प्रशासन को करनी होती है। अगर स्थायी मंडियां बन जाएं तो सब व्यवस्था हर पल बनी रहेगी। प्रशासन को इस बारे में सोचना चाहिए।

किसान कुलदीप राज का कहना है कि कभी अस्थायी मंडी इस गांव में तो कभी उस गांव में बनती है। ऐसे में किसान भ्रमित ही रहता है कि उसे किस ओर जाना है। कहीं एक ठिकाना हो तो किसानों को पता रहता है कि मंडी कहां पर है। स्थानी मंडियां बनने से किसानों के बैठने, विश्राम करने की जगह भी तो बन सकेगी।


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