Jammu Farmers: आधुनिक तरीके से खीरे की खेती कर काफी मुनाफा कमा रहे हैं भूपेंद्र सिंह
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि बीज पड़ोसी राज्य पंजाब से मंगवाया गया था। खीरा अलग प्रकार का है जिसमें बीज और कड़वापन नहीं है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह भी इस तरह की खेती को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं।
आरएसपुरा, संवाद सहयोगी: धान तथा गेहूं की फसल के साथ-साथ अब आरएसपुरा के सीमावर्ती किसानों ने अन्य फसलें भी लगाना शुरू कर दिया है और बहुत से मुनाफा उठा रहे है। आरएसपुरा के सीमावर्ती गांव कतेयाल के किसान सरदार भूपेंद्र सिंह ने कृषि विभाग के सहयोग के साथ आधुनिक तरीके के साथ खीरे की खेती की हुई है और इसमें काफी मुनाफा कमा रहा हैं।
खेती में खास बात यह खीरे अलग प्रकार के हैं जिनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। किसान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि खीरे की खेती में आधुनिक बीज का इस्तेमाल किया है और इस खीरे की लगातार मांग भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पाली हाउस में इस फसल की खेती की गई है और कृषि विभाग द्वारा उनकी पूरी मदद की जा रही है।
उनका कहना है कि पालीहाउस बनाने में भी कृषि विभाग द्वारा उन्हें सब्सिडी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे उनकी फसल बाजार में लोगों के बीच पहुंच रही है वैसे वैसे इसकी मांग भी लगातार बढ़ रही है और कुछ लोग तो सीधा खेतों में खीरे लेने के लिए पहुंच रहे हैं ।
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि बीज पड़ोसी राज्य पंजाब से मंगवाया गया था। खीरा अलग प्रकार का है जिसमें बीज और कड़वापन नहीं है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह भी इस तरह की खेती को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं। उन्होंने बताया कि इसमें कई प्रकार के तत्व भी मौजूद हैं और इसके सेवन से इंसान की शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग द्वारा किसानों को मार्केट भी प्रदान की जा रही है और लोगों को इसके गुण बताए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के कुछ अन्य किसानों ने भी इसकी खेती की हुई है और कृषि विभाग के सहयोग के साथ लगातार मुनाफा कमा रहे हैं और उम्मीद है कि क्षेत्र के अन्य किसान भी जल्द इसकी तरफ अपनी रुचि बढ़ाएंगे।उन्होंने कहा कि खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक है और इसमें किसी भी दवाई का छिड़काव नहीं किया गया है।