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Jammu Kashmir: शिक्षा अधिकारियों की लेटलतीफी से लटकी अध्यापकों की पदोन्नति

सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को कहा जाता है कि वे अध्यापकों की प्रस्तावित वरिष्ठता सूची सात दिन के भीतर उनके कार्यालय को भेज दें। उसके बाद अध्यापकों को 21 दिन का समय आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए दिया जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 12:16 PM (IST)
Jammu Kashmir: शिक्षा अधिकारियों की लेटलतीफी से लटकी अध्यापकों की पदोन्नति
वरिष्ठता के आधार पर अध्यापकों को पदोन्नति देकर मास्टर बनाने के बैठकें हो पाएगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू संभाग के मुख्य शिक्षा अधिकारियों की लेटलतीफी से अध्यापकों की पदोन्नति के मामले लटक रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग की निदेशक अनुराधा गुप्ता की तरफ से बार-बार चेतावनी देने के बाद भी अध्यापकों का ब्योरा नहीं दिया जा रहा है। इससे विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठकें नहीं हो पा रही हैं। अध्यापकों को पदोन्नति देकर मास्टर बनाया जाना है।

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शिक्षा विभाग के अध्यापक अक्सर पदोन्नति के मामले लटकने का मुद्दा उठाते रहते हैं। निदेशक अनुराधा गुप्ता ने जम्मू संभाग के सभी दस जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर रहा है कि बार बार याद दिलाने के बाद भी उनके कार्यालय को अध्यापकों का ब्योरा नहीं भेजा जा रहा है जिससे अध्यापकों को पदोन्नति देकर मास्टर बनाए जाने के लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) नहीं हो पा रही है। इसलिए सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को कहा जाता है कि वे अध्यापकों की प्रस्तावित वरिष्ठता सूची सात दिन के भीतर उनके कार्यालय को भेज दें। उसके बाद अध्यापकों को 21 दिन का समय आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए दिया जाए। एक और सप्ताह अध्यापकों को अपनी बात कहने के लिए दिया जा सकता है। इससे वरिष्ठता के आधार पर अध्यापकों को पदोन्नति देकर मास्टर बनाने के बैठकें हो पाएगी।

बताते चले कि स्कूल शिक्षा विभाग में समय पर विभागीय पदोन्नति कमेटियों की बैठकें नहीं होती है जिस कारण अध्यापकों को समय पर पदोन्नति नहीं मिल पाती है। यह मामला बार बार अध्यापकों की एसोसिएशन उठाती रहती हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विभाग में काफी सक्रियता आई है। पिछले दिनों जब विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून थे, तो उस समय तेजी के साथ पदोन्नति से लेकर अध्यापकों के अन्य मसलों का समाधान किया जा रहा था। विभाग की निदेशक काफी सक्रियता से काम कर रही है मगर निचले स्तर पर अधिकारियों के मामलों को गंभीरता से नहीं लेने से अध्यापकों की पदोन्नति लटक रही है। 


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