जम्मू शहर को मिलेगी आवारा मवेशियों से निजात, निगम खरीदेगा हाइड्रॉलिक गाड़ियां
इसी बीच निगम ने नगरोटा में आधुनिक कैटल पांड का काम शुरू करवा दिया है। पकड़े गए मवेशियों को डोगरा हाल के अलावा नगरोटा में बनाए जा रहे कैटल पांड में रखा जाएगा।
जम्मू, अंचल सिंह। जम्मू शहर में सड़क हादसों का सबब बनने वाले आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए जम्मू नगर निगम अब तीन हाईड्रालिक गाड़ियां खरीदेगा। इसके लिए निगम ने 50 लाख रुपये की राशि निर्धारित कर दी है। इतना ही नहीं शहर में घूमने वाले कुत्तों को पकड़ने के लिए भी डॉग कैचर गाड़ी खरीदी जाएगी। फिलहाल शहर के 75 वार्डों में आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए निगम के पास मात्र एक कैटल कैचर गाड़ी है।
हालत यह है कि शहर में आवारा मवेशियों व कुत्तों के कारण आए दिन कहीं न कहीं हादसे हो रहे होते हैं। निगम भी रोजाना 5-6 आवारा मवेशियों को पकड़ता है लेकिन जगह की तंगी और इन्हें पकड़ने के लिए एकमात्र गाड़ी होने के कारण मुश्किल हो रही है। निगम प्रशासन ने 14वें फाइनेंस कमीशन के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 75 लाख रुपये की राशि निर्धारित कर ली है। इसमें से 25 लाख रुपये डॉग कैचर गाड़ी व अन्य के लिए निर्धारित किए गए हैं। निगम ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए जेम पोर्टल से इन हाईड्रॉलिक गाड़ियों की खरीददारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि महीने भर में गाड़ियां आ जाएंगी। इन गाड़ियों के आने के बाद निगम चार जोन में बांटे गए शहर की हरेक जोन में एक वाहन मवेशियों को पकड़ने के लिए तैनात कर देखा।
इसी बीच निगम ने नगरोटा में आधुनिक कैटल पांड का काम शुरू करवा दिया है। पकड़े गए मवेशियों को डोगरा हाल के अलावा नगरोटा में बनाए जा रहे कैटल पांड में रखा जाएगा। निगम के डोगरा हाल कैटल पांड में रोजाना 100 से ज्यादा मवेशी रहते हैं। इन मवेशियों के गोबर से निगम ने बायोगैस का प्लांट भी लगा लिया है। जिससे खाद ताे बन ही रही है, रसोई गैस व गौ अर्क भी तैयार किया जा रहा है। नगरोटा में कैटल पांड व गौशाला के निर्माण के लिए भी पांच करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने निगम को 97.11 कनाल जमीन सौंप दी है। निगम यहां ऐसा कैटल पांड बनाना चाहता है जिसमें मवेशियों के रखरखाव के अलावा छोटा सा अस्पताल, पीने का संपूर्ण इंतजाम, लोगों के आकर्षण के लिए विभिन्न इंतजाम हों।
करीब पांच हजार मवेशी सड़कों पर
शहर व उसके आसपास के इलाकों में सड़कों पर रोजाना करीब पांच हजार मवेशी रहते हैं। ऐसा नहीं है कि इन मवेशियों का कोई वारिस न हो। बहुत से लोग इन्हें दूध दोहने के बाद घरों से निकाल देते हैं। शहरों में मवेशियों को चरने के लिए खुली जगह नहीं मिलती तो वे सड़कों पर आ जाते हैं। यही मवेशी बहुत बार हादसों का सबब बनते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
‘मवेशियों को पकड़ने के लिए फिलहाल हमारे पास एक कैटल कैचर गाड़ी है। कुत्तों को पकड़ने के लिए भी एक गाड़ी है लेकिन यह ज्यादातर खराब रहती है। हमने दो आटो किराये पर लिए हैं। हम तीन कैटल कैचर व एक डॉग कैचर खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। जेम पोर्टल से हाईड्राॅलिक गाड़ियां देखी जा रही हैं। महीने भर में इन गाड़ियों को खरीद लिए जाने की उम्मीद है। वहीं कैटल पांड के लिए नगरोटा के जगती में 97.11 कनाल जमीन जिला प्रशासन ने हमें दे दी है। इस सारी प्रक्रिया के शुरू होने से शहर को आवारा मवेशियों से निजात मिलेगी।’ - डा. जफर इकबाल, म्यूनिसिपल वेटनरी आफिसर, जम्मू