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टिकट के लिए भाजपा में आए नेताओं की उम्मीदों पर फिरेगा पानी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : विधानसभा चुनाव में टिकटों की उम्मीद लेकर प्रदेश भाजपा में आए कांग्रेस व अन्य द

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 01:47 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 01:47 AM (IST)
टिकट के लिए भाजपा में आए नेताओं की उम्मीदों पर फिरेगा पानी
टिकट के लिए भाजपा में आए नेताओं की उम्मीदों पर फिरेगा पानी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : विधानसभा चुनाव में टिकटों की उम्मीद लेकर प्रदेश भाजपा में आए कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं को निराश होना पड़ सकता है। इसके साथ ही लोगों की उम्मीदों के अनुरूप विधानसभा चुनाव में भाजपा के पुराने चेहरों को भी बदला जा सकता है।

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ये स्पष्ट संकेत प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को यहां भाजपा मुख्यालय में अपने संबोधन में दिए। उन्होंने कहा कि कुछ कांग्रेसी और अन्य दलों के लोग सिर्फ इसलिए भाजपा में आ रहे हैं कि उन्हें टिकट मिलेगी, लेकिन यहां पर ऐसा नहीं होता है। कांग्रेस में सिर्फ मां, बेटे की चलती है तो यहां पर 84 देवता हैं, एक भी ना कर दे तो कुछ नहीं होता। कई बार तो 84 भी हां कर दें तो भी बात नहीं बनती। जब डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह बयान दिया तो उस समय कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मंत्री शाम लाल शर्मा भी मौजूद थे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह के इस बयान से भाजपा के उन नेताओं, कार्यकर्ताओं का हौसला जरूर बढ़ा, जिन्हें लग रहा है कि संसदीय चुनाव से पहले भाजपा में आए अन्य दलों के नेता कहीं उनका हिस्सा न खा जाए। राज्य में संसदीय चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा में कांग्रेस, पीडीपी जैसी पार्टियों के नेता, कार्यकर्ता शामिल हुए हैं।

राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पूर्व विधायकों के साथ नेताओं की भारी भरकम भीड़ पार्टी की टिकट हासिल करने की ख्वाहिश रखती है। ऐसे हालात में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह स्पष्ट किया कि भाजपा हाईकमान अब ऐसे नेताओं को आगे नहीं ला रही है जिनकी छवि लोगों में खराब हो चुकी है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने दिल्ली नगर निगम के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि इस चुनाव के प्रभारी होने के नाते राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी पुराने उम्मीदवार बदलने पर उनसे भी बात की थी। उनका तर्क था कि जब भ्रष्टाचार के आरोप हो तो सबको ही बदल देना बेहतर होता है। जिन्हें टिकट नहीं दी गई, उन्हें मनाने के लिए पंद्रह दिन का समय रखा गया था, ऐसे सभी नए उम्मीदवार लाने के बाद भाजपा ने दिल्ली की 3 नगर निगम को जीत लिया।

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