बार ने राज्य प्रशासन को दी चेतावनी, कहा-जमीनों की रजिस्ट्री कोर्ट से बाहर हुई तो होगा आंदोलन
एसोसिएशन ने कहा कि अगर यह अधिकार राजस्व अधिकारियों को देन है तो उनके लिए कोर्ट परिसर में ही कार्यालय बनाए जाए और वकीलों के सहयोग से ही जमीनी कार्य हों।
जम्मू, जागरण संवाददाता। प्रदेश प्रशासनिक परिषद के जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद-फरोख्त व अन्य दस्तावेज की रजिस्ट्री करने का अधिकार न्यायपालिका से छीनकर राजस्व विभाग को सौंपे जाने के विरोध में उतरे वकीलों ने साफ कर दिया है कि अगर जमीनों की रजिस्ट्री कोर्ट परिसर से बाहर हुई तो व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा और उसे निर्णायक अंत तक भी पहुंचाया जाएगा। वकीलों ने जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर को बाहू क्षेत्र में शिफ्ट करने के प्रस्ताव का भी विरोध करते हुए कहा है कि अगर ऐसा करना भी है तो हाईकोर्ट समेत सभी ट्रिब्यूनल व जिला कोर्ट एक ही परिसर में बनाए जाए ताकि वकीलों को एक जगह से दूसरी जगह न जाना पड़े।
इन दोनों मुद्दों पर जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार को अपनी कार्यकारी कमेटी की बैठक बुलाई थी। उक्त मुद्दों पर एसोसिएशन ने आज वर्क भी सस्पेंड रखा था। एसोसिएशन के प्रधान अभिनव शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह आम राय थी कि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार है। आए दिन राजस्व अधिकारियों द्वारा जमीनों की फर्द-इंतखाब व अन्य जमीनी संबंधी कामों को करने के लिए रिश्वत लेने के मामले सामने आते है।
सरकार के इस फैसले से न केवल आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ेगी, बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। एसोसिएशन ने जमीनों की रजिस्ट्री करने का अधिकार सब-डिवीजन मजिस्ट्रेट, असिस्टेंट कमिश्नर व तहसीलदार को सौंपने के फैसले को लेकर संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर चर्चा करने का भी फैसला लिया गया। एसोसिएशन ने कहा कि अगर यह अधिकार राजस्व अधिकारियों को देन है तो उनके लिए कोर्ट परिसर में ही कार्यालय बनाए जाए और वकीलों के सहयोग से ही जमीनी कार्य हो ताकि सरकार का यह फैसला भ्रष्टाचार का स्रोत न बन जाए। एसोसिएशन ने इसके लिए कोर्ट परिसरों में पर्याप्त ढांचा खड़ा करने व अन्य सुविधाएं जुटाने की अपील भी की।
हाईकोर्ट परिसर जानीपुर से शिफ्ट करने के मुद्दे पर एसोसिएशन का कहना था कि अगर सिर्फ हाईकोर्ट शिफ्ट हुआ तो वकीलों को काफी दिक्कत होगी क्योंकि एक ही दिन में कुछ केसों के लिए वकील जिला कोर्ट में पेश होते है तो कुछ के लिए हाईकोर्ट में। ऐसे में वकीलों के लिए जानीपुर से बाहु क्षेत्र तक पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा। एसोसिएशन ने कहा कि अगर हाईकोर्ट शिफ्ट करना इतना जरूरी है तो सभी ट्रिब्यूनल व जिला कोर्ट भी उसके साथ ही शिफ्ट किए जाए। इससे वकीलों के साथ लोगों को भी सुविधा रहेगी।