हमले के विरोध में जम्मू बंद, कर्फ्यू, सेना बुलाई
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर आत्मघाती हमले के विरोध में शुक्रवा
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर आत्मघाती हमले के विरोध में शुक्रवार को जम्मू में पूर्ण बंद रहा। पाकिस्तान के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर आ गया। इस दौरान शरारती तत्वों की हरकत के बाद उग्र भीड़ ने 30 से अधिक वाहनों को आग लगाने के साथ करीब 60 गाड़ियां तोड़ दी। उग्र प्रदर्शनों के दौरान एक प्रदर्शनकारी की हृदयगति रुकने से मौत हो गई, जबकि पुलिस के डीआइजी व छह अन्य पुलिस कर्मियों समेत 40 के करीब लोग घायल हो गए। स्थिति को देखते हुए राज्य प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगाने के साथ सेना को भी बुला लिया। कर्फ्यू के बावजूद देर शाम तक शहर के नई बस्ती सहित कई इलाकों में तिरंगे झंडे लिए लोगों के प्रदर्शन जारी रहे। शहर में सेना ने फ्लैग मार्ग भी किया। वहीं पूरे राज्य में एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। कश्मीर में ब्राडबैंड सेवा की गति भी काफी कम कर दी गई है।
जम्मू में सुबह जगह-जगह हजारों युवाओं ने हाथों में तिरंगे लेकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि फिदायीन हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया जाए। दोपहर को शहर के गुज्जर नगर से तिरंगे लेकर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए निकल रही रैली पर छत से पथराव किए जाने के बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए। बेकाबू हुई भीड़ ने शहर के गुज्जर नगर, रेजीडेंसी रोड़, समाधियां रोड़ पर तीस से अधिक वाहन फूंक दिए, जबकि 60 के करीब वाहन तोड़ दिए। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए टियर गैस शेल दागने के साथ लाठीचार्ज भी किया। लोगों ने कई दुकानों व घरों के बाहर भी तोड़फोड़ की। इस दौरान डीआइजी, एसएसपी, पांच पुलिस कर्मियों समेत 40 के करीब लोग घायल हुए। इनमें से दो पुलिसकर्मियों समेत पांच को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस दौरान शहर के बाहरी इलाके मुट्ठी में सुबह से प्रदर्शन कर रहे 42 वर्षीय नरेंद्र टगोत्रा उर्फ लवली की दोपहर को हृदयघात के कारण मौत हुई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र आरएसपुरा कस्बे में भी हालात विस्फोटक हो गए। पुलिस ने धार्मिक स्थल की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उन पर अश्रुगैस और लाठीचार्ज किया। इससे लोग भड़क गए, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जम्मू-पठानकोट स्थित घगवाल, जतवाल और सांबा में भी लोगों ने हाईवे पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। पुलवामा में वीरवार को हुए इस आत्मघाती हमले के बाद शाम से ही जम्मू शहर में धरने, प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। ऐसे में चैंबर ऑफ कामर्स, नेशनल पैंथर्स पार्टी, प्रदेश कांग्रेस समेत अन्य कई दलों ने जम्मू बंद की काल दी थी।
बंद व यात्री वाहन न चलने से बाहरी राज्यों से श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए यात्रियों को स्टेशन पहुंचने मे काफी असुविधा हुई। जम्मू विश्वविद्यालय ने पहले ही परीक्षाएं और प्रेक्टिकल रद कर दिए थे। वहीं शहर के लगभग सभी स्कूल बंद रहे। शहर को जोड़ने वाले तवी पर बने चारों पुल बंद रखे :
लोगों ने विरोध स्वरूप शहर को जोड़ने वाले तवी नदी पर बने चार पुलों को शाम तक बंद रखा। पुलों पर लोगों ने टायर जलाकर हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय, भारतीय सेना व सीआरपीएफ ¨जदाबाद के नारे लगाए। हालांकि इस दौरान एंबुलेंस, सेना, सुरक्षाबलों, जम्मू कश्मीर पुलिस के वाहनों को आने जाने दिया गया। जम्मू शहर में शायद ही कोई चौक, मोहल्ले ऐसा हो, जहां लोगों ने पाकिस्तान के पुतले न जलाए हों।
जम्मू में कर्फ्यू में फिलहाल ढील नहीं, आज लिया जाएगा फैसला :
जम्मू शहर में लागू कर्फ्यू में फिलहाल कोई ढील की कोई गुंजाइश नहीं है। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा का कहना है कि शनिवार सवेरे स्थिति की समीक्षा के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संभाग में स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कानून व्यवस्था को अपने हाथ में न लें। कानून सबके लिए बराबर है। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है। कुछ शरारती तत्व सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें। वीरवार को जो भी हुआ, वो दुखद है। जम्मू, सांबा व ऊधमपुर में आज बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज :
पुलवामा हमले के बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए प्रशासन ने तीन जिलों जम्मू, सांबा व ऊधमपुर के सभी निजी व सरकारी स्कूल-कॉलेजों में शनिवार को छुट्टी घोषित कर दी है। डिवीजनल कमिश्नर जम्मू के आदेश के बाद तीनों जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों ने भी स्कूलों में छुट्टी का आदेश जारी कर दिया। कॉलेजों में छुट्टी का भी आदेश जारी कर दिया गया। यह कदम प्रशासन ने युवाओं की भीड़ को एकत्रित होने से रोकने के लिए उठाया है।