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Jammu Kashmir: 30 को ई-नाम नेटवर्क से जुड़ेगी नरवाल मंडी, प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा

प्रधान सचिव नवीन चौधरी ने इस मौके पर नरवाल और परिंपोरा मंडियों को 30 जून 2020 तक ई-नाम के साथ पूरी तरह जोड़ने का निर्देश दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 06:39 PM (IST)
Jammu Kashmir: 30 को ई-नाम नेटवर्क से जुड़ेगी नरवाल मंडी, प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा
Jammu Kashmir: 30 को ई-नाम नेटवर्क से जुड़ेगी नरवाल मंडी, प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : प्रदेश की दो प्रमुख मंडियां नरवाल, जम्मू और परिंपोरा श्रीनगर इस माह के अंत तक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ जाएंगी। इस आशय का एक आदेश कृषि उत्पादन विभाग के प्रधान सचिव नवीन कुमार चौधरी ने जारी किया। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में सभी मंडियों को ई-नाम ट्रेडिंग पोर्टल से जोड़ने पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा है। ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है, जो पूरे देश में कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) को एक नेटवर्क में जोड़ता है। इसके साथ ही कृषि उत्पादों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बाजार उपलब्ध कराता है।

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नवीन चौधरी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में जम्मू कश्मीर की मंडियों को ई-नाम से जोड़ने की प्रक्रियाओं पर विचार विमर्श हुआ। प्रधान सचिव ने इस मौके पर नरवाल और परिंपोरा मंडियों को 30 जून 2020 तक ई-नाम के साथ पूरी तरह जोड़ने का निर्देश दिया।

बैठक में तय किया गया कि निदेशक बागवानी योजना एवं विपणन 30 जून तक ऊधमपुर, कठुआ, सोपोर, हंदवाड़ा, चरार ए शरीफ, कुलगाम, पुलवामा, अखनूर, बटोत, बिश्नाह, राजौरी, अनंतनाग व शोपियां के लिए अनुमोदित 13 फल एवं सब्जी मंडियों की डीपीआर सरकार को सौंप देंगे। यह सभी परियोजनाएं 15 अक्टूबर 2020 तक पूरी की जाएंगी। इससे कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ होगा।

इसी माह श्रीनगर और जम्मू में होंगी कार्यशालाएं

बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने एक एजेंसी भी नियुक्त की है, जो ई-नाम और ई मार्केटिंग कार्यक्रम से अधिकारियों, किसानों व व्यापारियों को पूरी तरह अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करेगी। यह कार्यशालाएं इसी माह श्रीनगर व जम्मू में होंगी। इसके साथ ही विभाग में मास्टर ट्रेनरों का एक पूल भी तैयार किया जाएगा, जो इस कार्यक्रम को सफल बनाने की गतिविधियों की निगरानी करेगा। इस पूल में जम्मू और श्रीनगर में चार-चार अधिकारी होंगे। इस परियोजना के लिए हार्डवेयर व अन्य साजोसामान की खरीद सिर्फ जीईएम पोर्टल से ही होगी।


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