Jammu Kashmir: स्वच्छता में भी 'धरती का स्वर्ग' बनने की ओर जम्मू व श्रीनगर
स्वच्छता में भी धरती का स्वर्ग बनने की ओर जम्मू व श्रीनगर श्रीनगर शहर 357वें नंबर से 36वें स्थान पर पहुंचा जम्मू ने 329 से 224वां स्थान हासिल किया
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। हड़ताल हो या कर्फ्यू। हिमपात या फिर कोरोना महामारी। स्वच्छता में भी 'धरती का स्वर्ग' बनने की ओर अग्रसर जम्मू व श्रीनगर शहर अब रुकने वाला नहीं। दोनों निगमों के अधिकारियों और सफाईकर्मियों ने आम लोगों के सहयोग से वह कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए 'स्वच्छ सर्वेक्षण-2020' की सूची में जम्मू व श्रीनगर ने स्वच्छता की लंबी छलांग लगाई है। श्रीनगर शहर 357वें नंबर से देश के पहले 50 स्वच्छ शहरों में शामिल हो गया है।
वीरवार को घोषित हुए परिणामों में वह 321 अंकों की बढ़त बनाकर 36वां स्थान प्राप्त करने में कामयाब रहा है। इसी तरह जम्मू ने भी 105 अंक की बढ़त के साथ 224वां स्थान हासिल किया। पिछले वर्ष जम्मू शहर 329वें स्थान पर रहा था।
श्रीनगर शहर को साफ सुथरा बनाने में नगर निगम ने बीते एक साल के दौरान कड़ी मेहनत की है। इसके लिए न सिर्फ लोगों के घरों से कचरा जमा करने की प्रक्रिया को पूरी तरह जवाबदेय बनाया गया बल्कि समय समय पर लोगों से फीडबैक भी ली गई। वार्ड अधिकारियों और सैनिटेरी अधिकारियों की उनके अधीनस्थ इलाकों में गंदगी जमा होने पर जिम्मेदारी तय की गई। कचरे का वर्गीकरण करते हुए उसे वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने और कचरे से खाद तैयार करने की युक्ति पर भी काम किया गया। स्कूलों और एनजीओ के जरिए भी लोगों में समय-समय पर स्वच्छता के प्रति जागरुकता पैदा करने का प्रयास किया गया। कचरा उठाने वाली गाडि़यों की शहर में आवाजाही को भी नियंत्रित किया गया।
श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद अजीम मट्टु ने कहा कि अगस्त 2019 के बाद से जिस तरह से कश्मीर में परिस्थितियां चुनौतिपूर्ण रही हैं। हड़ताल, कर्फ्यू, हिमपात और फिर कोरोना की महामारी, उनके बीच निगम की टीम ने जिम्मेदारी से शहर को साफ बनाने का काम किया है, वह सराहनीय है। हमने लोगों को इस प्रक्रिया का हिस्सा बनाया, हमने उन्हें शामिल किया, उनकी फीडबैक ली और नतीजा आज सामने है।
इधर, जम्मू में भी बेहतर ढंग से काम हुआ। शहर के 58 वार्डो में डोर-टू-डोर कचरा उठाया गया। इसके बाद शहर की मुख्य सड़कों के किनारे लगे कूड़ेदान हटा दिए गए। हर वार्ड में कचरा उठाने के लिए दो आटो लगाए गए और घरों में डस्टबिन भी मुहैया करवाए गए। लोगों को भी जागरुक किया गया, जिसका परिणाम सामने है।