जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल लोगों के लिए खुले, पर्यटकों के स्वागत की तैयारियां शुरू
कश्मीर में दाखिल होने वाले पर्यटकों की रैपिड टेस्टिंग भी होगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही वह होटल से बाहर घूमने जा सकेंगे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच मंगलवार को केंद्र प्रशासित जम्मू-कश्मीर में पर्यटन स्थल खुल गए। इससे पर्यटन जगत से जुड़े लोगों ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था काे भी सहारा मिलेगा। पर्यटकों के स्वागत के लिए होटल, रेस्तरां और हाउसबोट सजने लगे हैं। टैक्सी चालक ही नहीं स्थानीय दुकानदार और दस्तकार भी इससे उत्साहित हैं।
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने सिर्फ हवाई जहाज के जरिए आने वाले पर्यटकों को अनुमति दी है। इन पर्यटकों को पहले ही अपना कोविड-19 टेस्ट कराना होगा। स्वस्थ होने पर ही इन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से आगे जाने दिया जाएगा। इनको अग्रिम तौर पर ही ऑनलाइन हाेटल व टैक्सी की बुकिंग करानी होगी। इनकी यात्रा का एक निर्धारित कार्यक्रम होना चाहिए।इनकी वापसी की टिकट भी अग्रिम तौर पर ही बुक होनी चाहिए। कश्मीर में दाखिल होने वाले पर्यटकों की रैपिड टेस्टिंग भी होगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही वह होटल से बाहर घूमने जा सकेंगे। इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु के पर्यटकों के जम्मू-कश्मीर में आने पर रोक रहेगी।
जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र को रीढ़ की हड्डी माना जाता है। कश्मीर संभाग में सामान्य परिस्थितियों में 12 से 15 लाख पर्यटक हर साल आते हैं। इनमें श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालु भी शामिल रहते हैं। इनके अलावा जम्मू संभाग में ही श्री माता वैष्णो देवी की तीर्थ यात्रा पर हर साल 80 लाख से एक करोड़ तक देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं। प्रदेश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी पर्यटन क्षेत्र से ही प्रत्यक्ष-पराेक्ष रुप से अपनी आजीविका कमाती है। बीते चार साल से स्थानीय पर्यटन उद्योग लगातार मंदी की मार झेल रहा है।बीते एक साल के दौरान सिर्फ दिसंबर से फरवरी तक पर्यटकों की आमद लगभग सामान्य रही है। बीते साल जुलाई से लेकर नवंबर के अंत तक कश्मीर में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां लगभग पूरी तरह ठप रही थी। इनका असर जम्मू संभाग में भी देखा था। कोविड-19 लाकडाऊन ने पर्यटन क्षेत्र को सबस ज्यादा नुक्सान पहुंचाया है।
एक साल में एक लाख लोगों का रोजगार छूटा: कश्मीर चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन शेख आशिक अहमद ने कहा कि बीते एक साल के दौरान यहां पर्यटन जगत से जुड़े करीब एक लाख लोगों का रोजगार छूटा है। होटल, रेस्तरां, दस्तकारी का काम करने वाले और टैक्सीचालक सभी इस समय बैंकों के मोटे कर्ज में डूबे हैं। पर्यटन क्षेत्र में दस्तकार भी निर्भर करते हैं। हमारे आकलन के मुताबिक यहां 1056 करोड़ का नुकसान पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी व्यापारिक गतिविधियों में हुआ है।ऐसे हालात में पर्यटन जगत को मिली यह छूट बहुत से घराें में चूल्हा जलाएगी। उम्मीद कर रहे हैं कि कोरोना के संक्रमण में कमी के साथ यह छूृट और बढ़ेगी।
लॉकडाउन ने पहुंचा दिया भूखमरी की कगार पर: रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष शेख फिरोज ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण हम भूखमरी के कगार पर पहुंच चु़के हैं। हमने राहत क लिए अदालत का भी दरवाजा खटखटाया था। अब प्रशासन ने पर्यटकों को कश्मीर में सशर्त दाखिल हाने की अनुमति दी है। यह एक शुरुआत है। हम कोविड-19 प्रोटोकाल का पूरा पालन करेंगे।
कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करें टैक्सी चालक: केएमडी टैक्सी स्टैंड के प्रधान जावेद अहमद वार ने कहा कि दो दिन पहले सरकार ने एलान किया और यहां आज हमारे टैक्सी स्टैंड पर करीब 70 प्रतिशित टैक्सियों की सेवाएं स्थानीय होटल और हाउसबोट मालिकों ने अपने लिए प्राप्त की हैं। हमें कहा है कि हम उनके लिए फोन पर उपलब्ध रहें, क्योंकि सरकार ने हर होटल और पर्यटक के लिए शर्त रखी है कि टैक्सियों की प्री-बुकिंग होनी चाहिए। होटलों के साथ जुड़े हमारे किसी भी सहयोगी टैक्सी चालक ने आज किसी पर्यटक को एयरपोर्ट से नहीं लाया है। शायद पर्यटक नहीं आए हैं, लेकिन आज तो पहला दिन था। इसलिए आने वाले दिनों में यहां काेई टैकसी चालक खाली नहीं होगा। इसकी उम्मीद की जा सकती है। हमने सभी टैक्सी चालकों को निर्देश दिया है कि वह कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करें।
माॅस्क, सैनिटाइजर की है पूरी व्यवस्था: हाउसबोट मालिक गुल मोहम्मद ने कहा कि आज तो कोई नहीं आया है, लेकिन तीन लोगों ने 25 जुलाई के लिए बुकिंग करायी है। दिल्ली से आने वाले ये लोग करीब चार दिन रुकेंगे। खुदा से दुआ करता हूं कि यह अपना प्रोग्राम कैंसिल न करें। हम अपने हाउसबोट की रोजाना सफाई कर रहे हैं। टूरिस्ट जब यहां आएंगे ता हमने उनके लिए हर कमरे के हिसाब से एक अलग सहायक रखा है। माॅस्क, सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था रखी है। हमने तीन टैक्सी चालकों को भी अपने साथ जोड़ा है।
इस बीच, प्रशासन ने कोविड-19 प्रोटोकाल के अनुपालन को सुनिश्चित बनाने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर माॅस्क न पहनने वालों पर एक हजार रुपये और भीड़ जमा करने वालों पर 10 हजार रुपये जुर्माना घोषित कर दिया है।