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Jammu: इम्पैक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर के अध्यापकों को बनाया जा रहा है काबिल

कोर्स को एनसीईआरटी के 16 विशेषज्ञों ने विकसित किया है। कोर्स में पर्यावरण भाषाओं गणित समाज विज्ञान और साइंस पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 04:43 PM (IST)
Jammu: इम्पैक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर के अध्यापकों को बनाया जा रहा है काबिल
Jammu: इम्पैक्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर के अध्यापकों को बनाया जा रहा है काबिल

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में स्थायी हुए रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को प्रशिक्षण देकर और अधिक योग्य बनाने की मुहिम छेड़ी गई है ताकि वे विद्यार्थियों को गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवा सके। इसके लिए विभाग ने स्थायी होकर टीचर्स ग्रेड सेकेंड व थर्ड बने रहबर-ए-तालीम अध्यापकों के लिए

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इंटीग्रेटड मल्टीडिस्पलिनरी प्रोफेशनल एडवांसमेंट कोर्स फार टीचर्स (इम्पैक्ट ) शुरु किया है। जम्मू कश्मीर के 14 जिलों में इम्पैक्ट शुरु किया गया है जिसमें डोडा, श्रीनगर, गांदरबल, पुंछ, बड़गाम, पुलवामा, सांबा, रियासी, ऊधमपुर, बारामुला, बांडीपोरा, शोपियां, जम्मू और रामबन शामिल है। डोडा में 2056, श्रीनगर में 680, गांदरबल में 750, पुलवामा में 945, सांबा में 493 अध्यापकों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। जम्मू कश्मीर में सभी बीस जिलों में 33138 अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। अब तक 8331 अध्यापकों ने प्रशिक्षण पूरा किया है।

सितंबर के अंत तक 31 हजार अध्यापकों को प्रशिक्षण देने का काम पूरा हो जाएगा। अक्टूबर के अंत तक सभी ग्रेड सेकेंड व थर्ड के अध्यापकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। अनंतनाग, कुलगाम, किश्तवाड़, कुपवाड़ा, राजौरी और कठुआ में प्रशिक्षण कुछ दिनों में शुरु होगा। जम्मू कश्मीर में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समय में स्थायी हुए रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को अध्यापकों के सेकेंड व थर्ड ग्रेड दिया गया था। साथ ही में इस नीति के तहत नई नियुक्तियों को बंद कर दिया था। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने कहा कि अध्यापकों को प्रशिक्षण देने का कार्य तेजी के साथ जारी है। हमारी कोशिश है कि अक्टूबर के अंत इस कार्य को पूरा कर लिया जाए।

कोर्स में अध्यापकों को शिक्षा के आधुनिक पहलुओं की जानकारी दी जा रही है। आन लाइन इस कोर्स को तीन चरणों में करवाया जा रहा है। इसे समग्र शिक्षा के तहत करवाया जा रहा है। कोर्स को एनसीईआरटी के 16 विशेषज्ञों ने विकसित किया है। कोर्स में पर्यावरण, भाषाओं, गणित, समाज विज्ञान और साइंस पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।


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