Property Tax In Jammu Kashmir: प्रापर्टी टैक्स लगाने की दिशा में बढ़ा जम्मू-कश्मीर, दर निर्धारित करने की तैयारी
जम्मू और कश्मीर नगरपालिका अधिनियम 2000 और जम्मू-कश्मीर नगर निगम अधिनियम 2000 में किए गए संशोधनों के अनुसार संपत्ति कर सभी भूमि और भवनों या खाली भूमि या दोनों पर जम्मू-कश्मीर के नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित पर लगाया जाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू-कश्मीर में जल्द ही सरकार प्रापर्टी टैक्स लगाने जा रही है। आवास एवं शहरी विकास विभाग ने टैक्स की दर निर्धारित करने के लिए अधिनियम अधिसूचित किए हैं। दर निर्धारित होने के बाद शहरों व कस्बों में जमीनों के लिए टैक्स अदा करना पड़ेगा। हालांकि टैक्स लगाने के लिए अभी कई औपचारिकताएं पूरी करना शेष है। अलबत्ता सरकार ने इस दिशा में कदम जरूर बढ़ा दिए हैं। आने वाले कुछ महीनों में टैक्स लगाया जा सकता है।
आवास और शहरी विकास विभाग ने 12 फरवरी को एक नवीनतम आधिकारिक संचार में स्पष्ट किया गया है कि बाजार मूल्य मार्गदर्शन नियमों के संशोधन के तहत प्रापर्टी टैक्स तय किए जाएंगे। इसमें निर्माण की प्रकृति, उपयोग का प्रकार, संपत्ति की उम्र का भी ध्यान रखा जाएगा।
गृह मंत्रालय ने अक्टूबर, 2020 में जम्मू-कश्मीर सरकार को अधिकार दिया था कि वह जम्मू-कश्मीर नगरपालिका अधिनियम, 2000 और जम्मू और कश्मीर नगर निगम में कई संशोधनों द्वारा नगर निगम, नगर परिषद और नगर समितियों के माध्यम से संपत्ति कर लागू करें।
संशोधित नियमों में मूल प्रावधानों के अनुसार, जब तक छूट नहीं दी जाती, तब तक प्रापर्टी टैक्स भूमि, भवन या खाली भूमि के टैक्स योग्य वार्षिक मूल्य के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। यह नियम अधिसूचना से स्पष्ट नहीं है कि क्या यह प्रावधान अभी भी प्रचलन में है या नहीं।
जम्मू और कश्मीर नगरपालिका अधिनियम 2000 और जम्मू-कश्मीर नगर निगम अधिनियम 2000 में किए गए संशोधनों के अनुसार संपत्ति कर सभी भूमि और भवनों या खाली भूमि या दोनों पर जम्मू-कश्मीर के नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित पर लगाया जाएगा।
संशोधित प्रावधानों में कहा गया है कि जब तक इस अधिनियम या किसी अन्य कानून के तहत लागू नहीं किया जाता है, तब तक सभी भूमि और इमारतों या खाली जमीनों या नगर निगम के क्षेत्र में स्थित दोनों पर संपत्ति कर लगाया जाएगा।
निगम आयुक्त अवनी लवासा का कहना है कि टैक्स के मूल्य निर्धारित करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। फिलहाल काफी औपचारिकताएं बाकी हैं। जिसके बाद ही टैक्स लगेगा।
जनरल हाउस में तय किया जाएगा टैक्स: मेयर चंद्र मोहन गुप्ता का कहना है कि फिलहाल टैक्स लगाने की तरफ कदम बढ़े हैं। कौन सी संपत्ति पर कितना टैक्स लगेगा, के बारे में चर्चा बाकी है। इस प्रस्ताव को पहले जनरल हाउस में लाया जाएगा, जहां सर्वसम्मति से टैक्स लगाने पर फैसला लेंगे। टैक्स लगाने से शहर का विकास संभव हो पाएगा। इससे लोगों को फायदा ही होगा। सोच-समझ कर ही इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
अक्टूबर माह में हुए थे प्रदर्शन: अक्टूबर 2020 में जब गृह मंत्रालय ने जब जम्मू-कश्मीर में प्रापर्टी टैक्स लगाने के अधिकार दिए थे, तब जम्मू शहर में विभिन्न संगठनों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। इतना ही जम्मू नगर निगम में विपक्ष के नेताओं ने भी रैली निकालते हुए इसका विरोध किया था। अब इस दिशा में फिर कदम बढ़ाए जाने से उनमें रोष व्याप्त है।
निगम में कांग्रेस के व्हिप द्वारका चौधरी का कहना है कि कोरोना महामारी की मार से अभी लोग उभर भी नहीं पाए हैं और सरकार अब प्रापर्टी टैक्स लगाकर लोगों की कमर तोड़ने की तैयारी कर रही है। यह गलत है। नेशनल कांफ्रेंस ने कहा था कि आर्थिक मंदी के बीच यह केंद्रशासित प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है। पार्टी महासचिव अली मुहम्मद सागर ने कहा कि विषम आर्थिक हालात और बढ़ती बेरोजगारी के बीच प्रापर्टी टैक्स लगाना ठीक नहीं है।