Jammu And Kashmir: लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने उत्तरी कमान को कहा अलविदा, वाईके जोशी नए आर्मी कमांडर
लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने उत्तरी कमान को कहा अलविदा लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी एक फरवरी से नए आर्मी कमांडर की जिम्मेदारी संभालेंगे
जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य में पाकिस्तान की शह पर जारी आतंकवाद के खिलाफ सेना के अभियान को धार देने वाले जनरल ऑफिसर कमांङर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने वीरवार को उत्तरी कमान को अलविदा कह दिया। सेना में 40 साल का शानदार कार्यकाल पूरा करने के बाद वह शुक्रवार को सेवानिवृत हो रहे हैं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार कमान मुख्यालय ऊधमपुर में सेवानिवृत हो रहे आर्मी कमांडर के सम्मान में वीरवार को आउट परेड में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने रणबीर सिंह के फूलों से सजाए गए वाहन को रस्सों से खींच कर उन्हें विदाई दी। इसी बीच वीरवार को दिल्ली रवाना होने से पहले रणबीर सिंह ने ध्रुव वार मेमोरियल में सेना के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पिछले कई दिनों से उत्तरी कमान में जनरल रणबीर सिंह के सम्मान में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी था।
सेना में रणबीर सिंह ने कई अहम पदों पर कार्य करते हुए पाकिस्तान की छद्म युद्ध पर गहरा आघात किया। जम्मू कश्मीर में सेना ने उनकी कमान में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ व गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए दुश्मन को कड़ा सबक सिखाया। रणबीर सिंह ने जून 2018 में जनरल देवराज अनबू से उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर का अहम पद संभाला था।
अब कारगिल युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी एक फरवरी से लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के स्थान पर उत्तरी कमान के नए आर्मी कमांडर की जिम्मेदारी संभालेंगे। जनरल जोशी ने पदोन्नत होने से पहले जनरल रणबीर सिंह के अधीन सेना की चौदह कोर के जीओसी के रूप में कार्य किया है। सेना की यह कोर लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। चौदह कोर की कमान करने के बाद वह गत वर्ष अक्टूबर में लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के चीफ ऑफ स्टाफ बने थे।
उड़ी में सर्जिकल स्ट्राइक के सूत्रधार थे रणबीर
लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह वर्ष 2016 में उड़ी हमले के बाद गुलाम कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक के सूत्रधार थे। वर्ष 1980 में सेना की नौ डोगरा रेजीमेंट में युवा अधिकारी के रूप में शामिल हुए रणबीर सिंह ने सेना की एक स्ट्राइक कोर, आम्र्ड डिवीजन के साथ माउंटेन ब्रिगेड की भी कमान संभाली। डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) के कार्यकाल के दौरान गुलाम कश्मीर में आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक से वह सुर्खियों में आए थे। उड़ी हमले के समय उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना हमले का उचित जवाब देगी। जवाब देने का समय और स्थान हमारी पसंद का होगा। इसके बाद सेना ने गुलाम कश्मीर में आतंकी शिविरों पर सटीक प्रहार करते हुए दर्जनों आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले से पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया था।
सैनिक स्कूल कपूरथला के पूर्व छात्र रणबीर सिंह ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) व इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आइएमए) कोर्स पूरा कर सेना में करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने देश विदेश में कई अहम पदों पर कार्य किया। वह अफ्रीका के रवांडा में यूएन पीस की फोर्स में तैनात रहने के साथ सूडान में चीफ ऑपरेशन ऑफिसर भी तैनात रहे।
हमेशा मोर्चे पर आगे रहे
उत्तरी कमान के वीरों का हौसला बढ़ाने के लिए रणवीर सिंह हमेशा मोर्चे पर आगे रहे। गत वर्ष जवानों का उत्साह बढ़ाने के दौरान वह जम्मू संभाग के पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने पर बाल-बाल बचे थे। इस दुर्घटना में आर्मी कमांडर का हेलीकाप्टर तबाह हो गया था। रणबीर सिंह समेत कई अधिकारी व जवान घायल हुए थे।
रणबीर सिंह ने चीन से संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम किया। उनके नेतृत्व में उच्च स्तरीय सैन्य दल इसी महीने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सौहार्द बनाए रखने के लिए चीनी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें की थी। उनके कार्यकाल में लद्दाख में चीन से कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ।
कारगिल युद्ध के हीरो हैं नए आर्मी कमांडर वाईके जोशी
सेना की उत्तरी कमान के नए आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी लद्दाख में करीब बीस साल पहले लड़े गए कारगिल युद्ध के हीरो हैं। उन्हें इस लड़ाई में बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वाईके जोशी कारगिल युद्ध के समय लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स की कमान कर रहे थे। उनके नेतृत्व में उनकी बटालियन ने प्वायंट 5140 जीतने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। उनकी कमान में ही कारगिल के प्वायंट 4875 पर तिरंगा लहराने के लिए परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बिक्रम बत्रा ने प्राणों की आहूति दी थी। इन चोटियों पर जनरल जोशी के साथ दुश्मन पर काल बनकर टूटने वाले सेना के बहादुरों में 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स के परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार भी थे।
सेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे जनरल जोशी ने अपने कार्यकाल में काफी समय जम्मू कश्मीर में बिताया है। वह दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने में महारत रखते हैं। कारगिल युद्ध में वीर चक्र के बाद उन्हें बहादुरी, निष्ठा, कुशल कमान के लिए भी कई अहम पदकों से नवाजा जा चुका है।