जम्मू कश्मीर सरकार ने समग्र शिक्षा के तहत शिक्षा के ढांचे के लिए केंद्र को भेजा 1600 करोड़ का प्रस्ताव
समग्र शिक्षा के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में शिक्षा के ढांचे को बेहतर बनाने की मुहिम में तेजी लाई जाएगी। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने करीब 1600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है। अभी तक प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। समग्र शिक्षा के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में शिक्षा के ढांचे को बेहतर बनाने की मुहिम में तेजी लाई जाएगी। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने करीब 1600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है। अभी तक प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। करीब एक महीने तक प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी। तब यह पता लगेगा कि पिछले साल की तुलना में कितनी धनराशि मंजूर होती है।
समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट निदेशक की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ एक बैठक हो चुकी है जिसमें प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। प्रस्ताव को फाइनल करने से पहले अभी और बैठकें भी होगी। इस प्रस्ताव में स्कूलों का दर्जा बढ़ाना, अध्यापकों का प्रशिक्षण, स्कूलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना, मिड डे मील योजना, निशुल्क वर्दियां, पुस्तकें, कंप्यूटर लैब स्थापित करना समेत अन्य कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। समग्र शिक्षा के तहत जम्मू कश्मीर में चार सौ स्कूलों का होगा कायाकल्प किए जाने की भी तैयारी है।। स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होगी जिसमें लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब भी स्थापित होगी।जम्मू-कश्मीर के शिक्षा विभाग ने समग्र शिक्षा के तहत साल 2020-21 के लिए 2400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इसमें से 1073 करोड़ को मंजूरी दे दी गई थी। इसके कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
कोरोना से उपजे हालात के कारण कुछ प्रोजेक्टों में देरी आई है। इसमें विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दियां, पुस्तकें उपलब्ध करवाने का प्रावधान शामिल था। कोरोना के कारण बच्चों को घर बैठे मिड डे मील का राशन दिया गया। साथ ही निशुल्क वर्दियां दी गई। अध्यापकों को आन लाइन प्रशिक्षण दिया गया।जम्मू कश्मीर में एनसीईआरटी की तर्ज पर स्टेट काउंसिल फॉर एजूकेशन, रिसर्च एंड ट्रेनिंग बनाया गया है। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा देकर ड्राप आउट कम किए जाने की मुहिम जारी है। बताते चले कि समग्र शिक्षा के तहत जम्मू कश्मीर को अपने हिस्से का मात्र दस फीसद ही खर्च करना होता है। नब्बे फीसद धनराशि तो केंद्र ही देता है। चूंकि जम्मू कश्मीर के अपने संसाधन कम हैं इसलिए केंद्र से समग्र शिक्षा के तहत मिलने वाली धनराशि से ही स्कूली शिक्षा का कायाकल्प हो रहा है।