जम्मू-कश्मीर सरकार अस्थायी कर्मियों के लिए स्थायी बनाने की कर रही तैयारी
प्रदेश के विभिन्न विभागों में 105000 कर्मचारी अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं। इनमें कैजुअल नीड बेस कंसॉलिडेटेड व डेलीवेजर शामिल हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में एक लाख से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए व्यापक नीति बनाने की तैयारी है। उपराज्यपाल जीसी मुमरू इसके संकेत दे चुके हैं।
ऑल जम्मू कश्मीर पीएचई, प्रशिक्षण प्राप्त आइटीआइ, लैंड डोनर एसोसिएशन के प्रधान तनवीर हुसैन का कहना है कि अस्थायी कर्मचारी कई वर्षो से पिस रहे हैं। कई कर्मचारियों को 15-20 साल हो गए हैं। उन्हें समय पर वेतन भी नहीं मिलता है। हमारी मांग है कि सरकार सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करे। अगर इस दिशा में कार्य हो रहा है तो बहुत अच्छा है।
प्रदेश के विभिन्न विभागों में 105000 कर्मचारी अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं। इनमें कैजुअल, नीड बेस, कंसॉलिडेटेड व डेलीवेजर शामिल हैं। जल शक्ति विभाग में सबसे अधिक 33000 से अधिक अस्थायी कर्मचारी हैं। पीडीडी में 5500 और कृषि, सिंचाई, बागवानी, इस्टेट, शिक्षा व स्वास्थ्य विभागों में हजारों अस्थायी कर्मचारी लगे हुए हैं। कर्मचारियों को कार्य करते हुए आठ से 20 साल तक हो गया है। अधिकतर कर्मचारियों को 10-12 साल हो चुके हैं। कुछ दिनों से सभी विभागों के अस्थायी कर्मचारियों ने युनाइटेड फ्रंट बनाकर आंदोलन शुरू किया है।
उनकी मुख्य मांग यह है कि उन्हें स्थायी करने के लिए नीति बनाई जाए। अस्थायी कर्मचारियों को नियमित तौर पर वेतन भी नहीं मिल रहा है। कुछ तो सरकारी नौकरियों में आवेदन करने की अधिकतम आयु सीमा को भी पार कर चुके हैं। कोरोना से उपजे हालात के कारण कुछ देरी हुई है।
उपराज्यपाल ने जिस तरह यह संकेत दिए हैं कि करीब एक लाख अस्थायी कर्मचारियों को पंचायत और निकाय स्तर पर स्थायी किया जाएगा। उससे जम्मू कश्मीर में विकास कार्यो की गति तेज करने में मदद मिलेगी।