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JK New Indusrial Policy: जम्‍मू कश्‍मीर का देश से जुड़ाव और मजबूत होगा, प्रदेश के उत्‍पादों को मिलेगी नई पहचान

नई औद्योगिक नीति के तहत केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के देश के साथ रिश्तों को और मजबूत करने का लक्ष्य साधा है। नई उद्योग नीति के तहत निवेश को बढ़ावा दिया गया है ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से उद्योगपति आकर यहां आकर निवेश कर सकें।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 07:34 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 03:15 PM (IST)
JK New Indusrial Policy: जम्‍मू कश्‍मीर का देश से जुड़ाव और मजबूत होगा, प्रदेश के उत्‍पादों को मिलेगी नई पहचान
प्रदेश में चार साल के लिए औद्योगिक नीति बनाई जाती है और अंतिम बार 2016 में घोषित हुई थी।

जम्मू, जागरण संवाददाता: नई औद्योगिक नीति के तहत केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के देश के साथ रिश्तों को और मजबूत करने का लक्ष्य साधा है। नई उद्योग नीति के तहत निवेश को बढ़ावा दिया गया है ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से उद्योगपति आकर यहां आकर निवेश कर सकें। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए कानून में पहले ही संशोधन कर चुकी है।

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अब इस नीति में 500 करोड़ रुपये तक के निवेश में बैंक कर्ज पर ब्याज पर सात सालों के लिए छह फीसद तक की छूट देकर सरकार ने बड़े निवेशकों को जम्मू-कश्मीर की ओर आकर्षित करने का काम किया है। जीएसटी रियायत भी दी गई है जिसके उद्योगपतियों को दूरगामी लाभ मिलेंगे। यह संयंत्र और मशीनरी (निर्माण में) या भवन व अन्य सभी टिकाऊ संपत्ति (सेवा क्षेत्र में) में दस सालों के लिए गए वास्तविक निवेश के योग्य मूल्य के 300 फीसद तक उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा।

जम्मू-कश्मीर को मुख्य धारा में लाने के प्रयासों के तहत मोदी सरकार ने उद्योग के रास्ते जम्मू-कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य साधा है, जिसके लिए घरेलू उत्पादन को अधिक महत्व देते हुए निर्यात पर निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जाएगा। नई औद्योगिक नीति के तहत सरकार का प्रयास है कि जम्मू-कश्मीर से निर्यात बढ़े और इसीलिए सरकार ने ब्लाक स्तर तक इस नीति का लाभ देने की घोषणा की है। सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश में बीस हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और साढ़े चार लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

पहले सिर्फ टैक्‍स छूट तक होती रही बात

आमतौर पर प्रदेश में चार साल के लिए औद्योगिक नीति बनाई जाती है और अंतिम बार 2016 में प्रदेश औद्योगिक नीति घोषित हुई थी। गत वर्ष इसीलिए औद्योगिक नीति की घोषणा नहीं हुई क्योंकि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए खास नीति घोषित करने का संकेत दे दिया था। इससे पूर्व की उद्योग नीति में एसजीएसटी का वापस भुगतान, ट्रांसपोर्ट खर्च का भुगतान, बिजली का कनेक्शन मिलने तक जनरेटर सब्सिडी समेत कई अन्य रियायतें दी जाती रही हैं।

उद्योग नीति से होगा कायाकल्प : रविंद्र रैना

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नई उद्योग नीति एक क्रांति लाएगी। इस योजना से जम्मू कश्मीर का कायाकल्प करने के लिए केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन पूरी तैयारी में है। पहले ऐसी योजनाएं पारदर्शिता के अभाव में अपने मकसद में कामयाब नहीं होती थी। अब हर वह कोशिश की जा रही है, जो उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इतने बड़े पैकेज का एलान किया गया है।

घोषणा नहीं, गंभीरता चाहिए : हर्षदेव सिंह

नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालात सुधारने के लिए घोषणा नहीं, गंभीरता की जरूरत है। अगर योजनाएं सही तरह से प्रभावी नहीं होंगी तो इनका फायदा नहीं होगा। पहले भी ऐसी नीतियों का जमीन पर कुछ असर नजर नहीं आया। प्रदेश में उद्योग का बुरा हाल है। अगर सरकार सही मायनों में उद्योग को बढ़ावा देकर रोजगार के साधन पैदा करती है तो यह युवाओं के लिए अच्छा होगा। इसके लिए प्रशासन को काम करने के तरीके में बदलाव लाना होगा।

वादों तक सीमित न रह जाए उद्योग नीति: रविंद्र शर्मा

कांग्रेस के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ पहले भी बहुत वादे हुए हैं। यह अच्छी बात है कि सरकार ने उद्योग नीति बनाई है, लेकिन यह सिर्फ घोषणा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के बड़े-बड़े वादे हुए थे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है।

नई नीति से प्रदेश के सुधरेगी अर्थव्यवस्था : बुखारी

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रधान मोहम्मद अल्तफ बुखारी ने उम्मीद जताई कि नई औद्योगिक नीति से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अपना वादा पूरा कर दिया है। इससे जम्मू कश्मीर में उद्योगों के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी। यह घोषणा उस समय हुई है जब जम्मू-कश्मीर के बीमार उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने की सख्त जरूरत थी।

जम्मू कश्मीर के व्यापारिक वर्ग की भी यह लंबे समय से मांग थी। कोरोना संक्रमण के बाद जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था बेहाल है। यहां पर आतंकवाद के कारण पहले से ही उद्योगों का बुरा हाल था। मगर नए पैकेज से यहां के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।


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