जम्मू-कश्मीर की अदालतों में अब 31 मई तक होगी सिर्फ वर्चुअल सुनवाई
कोविड-19 के लगातार बढ़ते केसों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी अदालतों में अब 31 मई तक वर्चुअल सुनवाई करने का फैसला लिया है। अदालती कामकाज के लिए स्टॉफ को भी 50 फीसद तक सीमित कर दिया गया है
जम्मू, जागरण संवाददाता । कोविड-19 के लगातार बढ़ते केसों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी अदालतों में अब 31 मई तक वर्चुअल सुनवाई करने का फैसला लिया है। अदालती कामकाज के लिए स्टॉफ को भी 50 फीसद तक सीमित कर दिया गया है और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार व प्रिंसिपल सेशन जजों को इसके लिए कर्मचारियों का रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया है।
सोमवार को जम्मू-कश्मीर के चीफ जस्टिस पंकज मिथल ने इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया। चीफ जस्टिस के आदेश के बाद प्रिंसिपल सेशन जजों ने भी अपने-अपने जिले के लिए आदेश जारी कर व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे पूर्व चीफ जस्टिस ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी किया था जिसमें प्रदेश की सभी अदालतों में 15 मई तक वर्चुअल सुनवाई करने का निर्देश दिया गया था लेकिन अब कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुुए इस अवधि को 31 मई तक बढ़ाया गया है।
आदेश में कहा गया है कि सभी याचियों, आम लोगों व वकीलों के क्लर्कों का प्रवेश कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार से ही रोका जाए। केस दायर करने के लिए हाईकोर्ट की दोनों विंग विशेष इमेल आइडी तैयार कर वेबसाइट पर सार्वजनिक करेंगी। अगर हाईकोर्ट का कोई बेंच बेहद ही आपात स्थिति में किसी केस की व्यक्तिगत सुनवाई करना चाहे तो बेंच सभी एसओपी का पालन करते हुए स्वयं निर्णय ले सकता है। स्टॉफ को रोटेशन के आधार पर दो हिस्सों में बांटा जाए और 50 फीसद कर्मचारियों के साथ कामकाज चलाया जाए।
आदेश में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को हर शनिवार-रविवार को सभी कोर्ट परिसरों की सैनिटाइजेशन करवाने का निर्देश दिया गया है। चीफ जस्टिस पंकज मिथल ने प्रदेश के सभी प्रिंसिपल सेशन जजों को भी अपने-अपने जिले में उक्त निर्देशों का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए है। आदेश में कहा गया है कि ये सभी गाइडलाइंस 31 मई तक लागू रहेगी।