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जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव मेहता के निर्देश, अवैध कब्जों की रिपोर्ट एक महीने में दें अधिकारी

सरकारी जमीन पर हुए कब्जों का समयानुसार रिपोर्ट एक माह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। सभी संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रभावशाली अभियान चलाने का निर्देश देते मेहता ने कहा कि सबसे पहले व्यावसायिक इलाकों में स्थित महंगी जमीन को छुड़ाया जाना चाहिए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 02:24 PM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 02:24 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव मेहता के निर्देश, अवैध कब्जों की रिपोर्ट एक महीने में दें अधिकारी
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता

जम्मू, जागरण संवाददाता। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने अवैध कब्जों का कड़ा संज्ञान लिया है। सरकारी और विभागीय जमीन पर अवैध कब्जों को लेकर संबधित अधिकारियों को 1990 से 2000 और 2000-10 और 2010-20 तक सरकारी जमीन पर हुए कब्जों का समयानुसार रिपोर्ट एक माह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। सभी संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रभावशाली अभियान चलाने का निर्देश देते मेहता ने कहा कि सबसे पहले व्यावसायिक इलाकों में स्थित महंगी जमीन को छुड़ाया जाना चाहिए।

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राजस्व रिकार्ड को पूरी तरह डिजिटल बनाने का निर्देश :

शनिवार को हुई बैठक में मुख्य सचिव ने 26 जनवरी 2022 तक जम्मू और श्रीनगर का भू राजस्व रिकार्ड को पूरी तरह डिजिटल बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता के लिए राजस्व रिकार्ड की आनलाइन प्रतियां प्राप्त करने के लिए राजस्व विभाग के वेब पोर्टल पर भी सुविधा होनी चाहिए। इसके अलावा प्रत्येक सरकारी आदेश की एक प्रति विभागीय वेबसाइट पर होनी चाहिए।

मोबाइल व आधार से राजस्व रिकार्ड जोड़ने पर दिया जोर :

डा. मेहता ने राजस्व रिकार्ड को संबधित व्यक्ति के मोबाइल व आधार नंबर के साथ जोडऩे पर जोर देते हुए कहा कि इससे बेनामी संपत्ति पर रोक लगेगी और जमीन पर कब्जों,बिना मालिक की अनुमित किसी जमीन की खरीद फरोख्त भी बंद होगी। उन्होंने राजस्व विभाग को पंजीकृत खातों के लिए जमीन के लेन देन की प्रक्रिया के दौरान वास्तविक समय के आधार पर एसएमएस एलर्ट जारी करने की व्यवस्था भी शुरू करने के लिए कहा।


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