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जम्मू कश्मीर : घुटनों तक बर्फ में दो किलोमीटर पैदल चले जवान, बचाई बीमार महिला की जान

परिवार के लोग चिंता में डूबे थे तो वहीं मंजू देवी की हालत लगातार बिगड़ रही थी। इस मुश्किल भरे हालात में परिवार को भारतीय सेना की याद आई। मंजू देवी के पिता ने तब गंदोह स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की मदद मांगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 08:03 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 01:43 PM (IST)
जम्मू कश्मीर : घुटनों तक बर्फ में दो किलोमीटर पैदल चले जवान, बचाई बीमार महिला की जान
जवानों ने महिला मरीज को खाट पर लिटाया और फिर मुख्य सड़क तक ले आए।

किश्तवाड़, संवाद सहयोगी : भारतीय सेना का कोई जवाब नहीं... दिन हो या रात, मौसम की कैसी भी हो मार, हर परिस्थिति में जवान आम लोगों की मदद के लिए भी तैयार रहते हैं। यह जवानों की आम लोगों के प्रति आत्मीयता और रिश्ते की मजबूत डोर ही है कि वह घुटनों तक बर्फबारी में दो किलोमीटर पैदल चलकर बीमार महिला की जान बचाई। जवानों ने उसे अस्पताल में पहुंचाया तो उसके स्वजन ने भारतीय सेना से बोला- थैंक्स, आप हमारे लिए देवदूत हैं।

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जम्मू कश्मीर में गत सप्ताह भारी बर्फबारी हुई है। कश्मीर ही नहीं, जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों में भी भारी हिमपात हुआ है। दूरदराज के कई इलाकों के रास्ते अभी भी बंद हैं। ऐसा ही डोडा जिले में पहाड़ी पर स्थित गांव है- चिली बाला। गांवों के आसपास और रास्ते पर घुटनों तक बर्फ जमी है। मुख्य पक्की सड़क से यह गांव करीब दो किलोमीटर दूर है। सोमवार को हिमपात तो थम गया, लेकिन इसके साथ ही शीत लहर ने घर से निकलना मुश्किल कर दिया।

इसी बीच, गांव की 25 वर्षीय मंजू देवी की हालत खराब हो गई। गांव में इलाज संभव नहीं था। परिवार के लोग बेचैन हो उठे, रास्ता बंद था, वाहन नहीं चल सकता था, ऐसे में कैसे अस्पताल की दहलीज तक ले जाएं। परिवार के लोग चिंता में डूबे थे तो वहीं मंजू देवी की हालत लगातार बिगड़ रही थी। और अधिक देर जान को खतरे में डाल सकती थी। इस मुश्किल भरे हालात में परिवार को भारतीय सेना की याद आई। मंजू देवी के पिता ने तब गंदोह स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की मदद मांगी।

मंजू के पिता ने आरआर यूनिट के कर्मांंडग आफिसर को सारी स्थिति बताई। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए इस सैन्य अधिकारी ने तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया। जवानों की टीम बनाई और गांव के लिए भेज दी। गांव तक वाहन ले जाना संभव नहीं था तो उन्होंने दो किलोमीटर तक घुटनों तक जमी बर्फ पर पैदल ही चल दिया और कम से कम समय में महिला के घर पहुंच गए।

उन्होंने महिला मरीज को खाट पर लिटाया और फिर मुख्य सड़क तक ले आए। इसके बाद सेना के वाहन से गंदोह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे डोडा के जीएमसी अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां डाक्टरों ने उसका तुरंत इलाज किया। परिवार व जिला प्रशासन ने मानवीय प्रयासों के लिए सेना को धन्यवाद दिया और संकट के समय सेना को लोगों का सच्चा दोस्त बताया। 


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