Jammu kashmir Encounter: कुलगाम मुठभेड़ स्थल से आतंकी फरार, सर्च आपरेशन जारी
Jammu kashmir Encounter आतंकवादी गोलियां बरसाते हुए सुरक्षाबलों के घेरे को तोड़ते हुए वहां से फरार होने में सफल हो गए। वहां से एक एलएमजी और आइईडी बनाने का सामान बरामद हुआ है।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के नंदीमार्ग इलाके में छिपे आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे से निकल फरार होने में सफल हो गए हैं। हालांकि सुरक्षाबलों ने जिस घर में आतंकी छिपे हुए थे, वहां तलाशी के दौरान एक पीका एलएमजी और आइईडी बनाने का सामान बरामद किया है। मुठभेड़ स्थल से फरार आतंकियों की तलाश के लिए सर्च आॅपरेशन जारी है और इसमें खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नंदीमार्ग इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना गत शुक्रवार रात को मिली थी। सूचना मिलते ही सेना, सीआरपीएफ और एसओजी के जवानों ने इलाके में पहुंच उस घर की घेराबंदी कर ली, जहां आतंकी छिपे हुए थे। यह मकान असलम का बताया जा रहा है। शनिवार तड़के जब सुरक्षाबल घर-घर की तलाशी ले रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। अपने आप को घिरा देख आतंकवादी गोलियां बरसाते हुए सुरक्षाबलों के घेरे को तोड़ते हुए वहां से फरार होने में सफल हो गए।
जब काफी देर तक गोलीबारी नहीं हुई तो सुरक्षाबलों ने असलम के घर में प्रवेश किया। वहां कोई आतंकी मौजूद नहीं था। अलबत्ता वहां से एक एलएमजी और आइईडी बनाने का सामान बरामद हुआ है। सुरक्षाबलों का कहना है कि अभी आतंकी ज्यादा दूर नहीं किए गए हैं। पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है। उन्हें ढूंढने के लिए सर्च आपरेशन चल रहा है। खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि जब सुरक्षाबल इलाके में खोजबीन कर रहे थे तभी आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ चल रही है। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
सेना ने मार गिराए पांच पाकिस्तानी सैनिक
नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने पर पाकिस्तानी सेना को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में नीलम घाटी में पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए। कई आतंकियों के भी मारे जाने की सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड मुख्यालय को भी भारी नुकसान पहुंचा है और उसका आयुध डिपो भी तबाह हो गया है। इसके अलावा उसका एक लांचिंग पैड भी भारतीय सेना ने तबाह कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने बालाकोट और मेंढर सेक्टर में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।
बैट कार्रवाई की आशंका
बताया जाता है कि केरन में तैनात जवानों ने शुक्रवार की सुबह एलओसी के पार नीलम घाटी के दुदनियाल और थेजियां इलाके में पाकिस्तानी सेना की गतिविधियां देखीं। पाकिस्तानी सेना का एक दस्ता एलओसी के अगले हिस्से की तरफ आया था। इसके आधार पर संबंधित फील्ड कमांडरों को पाकिस्तान की तरफ से बैट कार्रवाई और घुसपैठ के प्रयास की आशंका हो गई। इस पर सभी अग्रिम चौकियों को सचेत कर दिया गया। दोपहर साढ़े बारह बजे पाकिस्तानी सेना ने भारतीय चौकियों पर गोलाबारी शुरू कर दी।
आतंकियों का लॉन्चिंग पैड तबाह
इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों में भी तोप के गोले बरसाए। इससे गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। इस पर भारतीय जवानों ने भी तोपखाने और मोर्टार का इस्तेमाल किया। इसमें पाकिस्तानी सेना की दोमेल चौकी के अलावा दुदनियाल में स्थित उसके ब्रिगेड मुख्यालय को भारी नुकसान पहुंचा है। उसका एक आयुध डिपो भी तबाह हो गया है। इसके अलावा एथमुकाम और दुदनियाल के बीच स्थित आतंकियों का लॉन्चिंग पैड पूरी तरह तबाह हो गया। इसी लांचिंग पैड पर सुबह पाकिस्तानी सेना की गतिविधि देखी गई थीं। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना के चार से पांच सैनिक मारे गए हैं या जख्मी हुए हैं।
इस साल 1200 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन
इस वर्ष अब तक पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के 1200 से अधिक मामले हो चुके हैं। मार्च महीने से अब तक पाकिस्तान ने 450 बार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी की है। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पाकिस्तान ने 55 बार गोलाबारी की है। वहीं, जनवरी में 367 बार, फरवरी में 366 बार गोलाबारी की।
सेना ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा
पाकिस्तानी सेना ने तोपों से पथरा और इसके पास के गांवों को भी निशाना बनाया। इससे इलाके में दहशत फैल गई। इसके अलावा बलवीर और गुलाब पोस्ट को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन इसमें पूरी तरह नाकाम रही। गोलाबारी के मद्देनजर सेना ने नियंत्रण रेखा के अग्रिम इलाकों में बसे स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया है। हालांकि, अधिकांश लोगों ने अपने घरों के आसपास बने निजी व सामुदायिक बंकरों में शरण ली है। नागरिक प्रशासन और सैन्य प्रशासन ने स्थानीय लोगों से कहा है कि वह गोलीबारी पूरी तरह बंद होने के बाद ही बाहर आएं।